Math, asked by saksham269538, 7 months ago

याटन मेरे मन को खूब भाता है यह
फु नदी के किनारे घुमते हुए
मन म, सुदूर दक्षिण तट पर
की संगमस्थला' अंतरीप
एक सुबह को नई दिल्ली से
समय
हुआ यह
समय पर भिन्न-भिन्न
य रुचि मुझे विरासत में पिताजी
दिन ग्रीष्म
ग्रीष्म ऋतु मे कर मीर
eo
ब्ता ठार
एक
C C
फिलीमीर की इरी
खाड़ी के लदिर
चल्लाता
यह शिला
पहल
थी जिस
पहा अब
भी
जिस
लोग देवी का
बोग
వరు
शिला
सन
में
देवरम्प
नमय
कुमारी
फुस्थान
Snor
C
1692
हिमालय
वीर्या का
होके कुख्या
जीव चल पड़
की तीर्थयात्रा की. प्रबल इच्छा
का आवश्यक प्रबंच कुसें हम
एकमफेस में सवार
विरतपुरम को
में पह
गाड़ी
मवराष्ट्र आध
की सांगाओं
हती
में में फेफ्व करण
00
नही से कन्याकुमारी
पात्रता
अपनी
याता
पछा , मध्य प्रदेश
,
चा फरते रहे
शिला पर
किया था
ॐकर
का
प्राप्त
3.
को
से पाद

में
फिया
स्वामी जीप
इर नै म
पव​

Answers

Answered by kumarikamlesh1921
1

Answer:

ye kya hai bhi kavita likh rhe ho kya

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