Social Sciences, asked by Imsaki69211, 10 months ago

युवा बेरोजगारी एक समस्या में शोध अध्अन परश्नवली

Answers

Answered by rg71713
0

Answer:

जिस युवा शक्ति के दम पर हम विश्व भर में इतराते फिरते हैं। देश की वही युवा शक्ति एक अदद नौकरी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि प्रतिदिन बढ़ती बेरोजगारी के कारण सबसे अधिक आत्महत्याओं का कलंक भी हमारे देश के माथे पर लगा हुआ है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रतिदिन 26 युवा खुद को काल के गाल में झोंक रहे हैं और इस संताप की स्थिति का जन्म छात्र बेरोजगारी की गंभीर समस्या के कारण हुआ है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, भारत सरकार और विभिन्न एजेंसियों के ताजा सर्वेक्षण और रपट इस ओर इशारा करते हैं कि देश में बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ा है। जिन युवाओं के दम पर हम भविष्य की मजबूत इमारत की आस लगाए बैठे हैं उसकी नींव की हालत निराशाजनक है और हमारी नीतियों के खोखलेपन को राष्ट्रीय पटल पर प्रदर्शित कर रही है।

आईएलओ ने जो अनुमान लगाया है, वह मोदी सरकार के लिए खतरे की घंटी है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2018 में भारत में बेरोजगारों की संख्या 1.86 करोड़ रहने का अनुमान है। साथ ही इस संख्या के अगले साल, यानी 2019 में 1.89 करोड़ तक बढ़ जाने का अनुमान लगाया गया है। आंकड़ों के अनुसार, भारत दुनिया के सबसे ज्यादा बेरोजगारों का देश बन गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय देश की 11 फीसदी आबादी बेरोजगार है। यह वे लोग हैं जो काम करने लायक हैं, लेकिन उनके पास रोजगार नहीं है। इस प्रतिशत को अगर संख्या में देखें, तो पता चलता है कि देश के लगभग 12 करोड़ लोग बेराजगार हैं। इसके अलावा बीते साढ़े तीन साल में बेरोजगारी की दर में जबरदस्त इजाफा हुआ है। यह तो कहना है, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन यानी आईएलओ की रिपोर्ट का। वहीं मोदी सरकार के श्रम मंत्रालय के श्रम ब्यूरो के सर्वे से भी सामने आया है कि बेरोजगारी दर पिछले पांच साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।

केंद्रीय श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार हर रोज 550 नौकरियां कम हुई हैं और स्वरोजगार के मौके घटे हैं। इन सारी कवायदों के बीच जो आंकड़े आमने आए हैं, उनसे पता चलता है कि रोजगार के मुद्दे पर देश के हालात बहुत खराब हैं। हाल ही में आई अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि साल 2019 आते-आते देश के तीन चैथाई कर्मचारियों और प्रोफेशनल्स पर नौकरी का खतरा मंडराने लगेगा या फिर उन्हें उनकी काबिलियत के मुताबिक काम नहीं मिलेगा।

Similar questions