युवाओ के नशे कि प्रवत्ति (1) नशे कि स्वरूप (2) हानिया (3) मुक्ति के उपाय
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युवा वर्ग में नशे की बढ़ती हुई प्रवृत्ति समाज के लिए चिंता का विषय है। नशे से न केवल अपराध जन्म लेते हैं बल्कि एड्स के फैलने के कारणों में भी नशा एक महत्वपूर्ण पहलू है।
यह उद्गार मुख्य न्याय दंडाधिकारी रवनीत गर्ग ने विद्यार्थियों को संबोधित करके हुए व्यक्त किए। वह शहर के डीएवी कॉलेज में एड्स नियंत्रण सोयायटी द्वारा बृहस्पतिवार को आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उप सिविल सर्जन डॉ. विवेकशील मल्होत्रा सहित अन्य चिकित्सकों ने भाग लिया।
रवनीत गर्ग ने कहा कि नशे के कारण असुरक्षित यौन संबधों से एड्स फैलने की संभावना अधिक रहती है। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे और एड्स के घातक परिणामों के प्रति जागरूक करने के लिए इस तरह के जागरूकता शिविर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से आयोजित करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में कालेज के प्रिंसिपल मागेराम गुप्ता, रोटरी क्लब के अध्यक्ष डॉ. नैन कंवर, एड्स नियंत्रण सोसायटी की परामर्श दाता निगम भोसले, विजय घई, रवि सिंह, अशोक कुमार, इंद्रदेव, राजीव शर्मा, डॉ. मुक्ता, प्रो. सुखदेव, डॉ. गगनदीप कौर, प्रो. शात कौशिक और प्रो. दर्शन लाल ने भी एडस और नशे से संबन्धित विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। इस मौके पर विद्यार्थियों से एडस और नशे से जुड़े प्रश्न भी पूछे गए और विजेता बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
.......................
एड्स से बचाव को जानकारी जरूरी
उप सिविल सर्जन डॉ. विवेकशील मल्होत्रा ने बताया कि एड्स से बचने का एकमात्र उपाए जानकारी है और इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को एड्स के फैलने के कारणों का पता होना जरूरी है। एड्स के 80 प्रतिशत से अधिक मामले असुरक्षित यौन संबंधों से पनपते हैं जबकि एक ही सुई से कई मरीजों को टीका लगाने, बिना जाच के रक्त चढ़ाने, एड्स ग्रस्त माता-पिता द्वारा संतान को जन्म देने से भी एड्स फैल सकती है। उन्होंने कहा कि इकट्ठा भोजन करने, एड्स पीड़ित व्यक्ति से हाथ मिलाने, उसके कपडे़ पहनने इत्यादि से एड्स नहीं फैलती। समय-समय पर एड्स की जाच करवाना जरूरी है और जाच करवाने वाले व्यक्ति का नाम और पता पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है।
........................ उचित मार्गदर्शन जरूरी
कार्यक्रम में मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. केएस राणा ने बताया कि युवा वर्ग में नशे की बढ़ रही प्रवृति का कारण बचपन और युवा अवस्था में बच्चों का उचित मार्गदर्शन न करना भी है। उन्होंने बताया कि नशा किसी समस्या के समाधान और तनाव को कम करने का समाधान नहीं है बल्कि इसके कारण व्यक्ति का शारीरिक और आर्थिक नुकसान भी होता है। उन्होंने युवाओं से अनुरोध किया कि वे अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए नशे से दूर रहें और अच्छी शिक्षा हासिल करके आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करें। I HOPE YOU QUESTION IS GOOD
यह उद्गार मुख्य न्याय दंडाधिकारी रवनीत गर्ग ने विद्यार्थियों को संबोधित करके हुए व्यक्त किए। वह शहर के डीएवी कॉलेज में एड्स नियंत्रण सोयायटी द्वारा बृहस्पतिवार को आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उप सिविल सर्जन डॉ. विवेकशील मल्होत्रा सहित अन्य चिकित्सकों ने भाग लिया।
रवनीत गर्ग ने कहा कि नशे के कारण असुरक्षित यौन संबधों से एड्स फैलने की संभावना अधिक रहती है। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे और एड्स के घातक परिणामों के प्रति जागरूक करने के लिए इस तरह के जागरूकता शिविर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से आयोजित करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में कालेज के प्रिंसिपल मागेराम गुप्ता, रोटरी क्लब के अध्यक्ष डॉ. नैन कंवर, एड्स नियंत्रण सोसायटी की परामर्श दाता निगम भोसले, विजय घई, रवि सिंह, अशोक कुमार, इंद्रदेव, राजीव शर्मा, डॉ. मुक्ता, प्रो. सुखदेव, डॉ. गगनदीप कौर, प्रो. शात कौशिक और प्रो. दर्शन लाल ने भी एडस और नशे से संबन्धित विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। इस मौके पर विद्यार्थियों से एडस और नशे से जुड़े प्रश्न भी पूछे गए और विजेता बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
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एड्स से बचाव को जानकारी जरूरी
उप सिविल सर्जन डॉ. विवेकशील मल्होत्रा ने बताया कि एड्स से बचने का एकमात्र उपाए जानकारी है और इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को एड्स के फैलने के कारणों का पता होना जरूरी है। एड्स के 80 प्रतिशत से अधिक मामले असुरक्षित यौन संबंधों से पनपते हैं जबकि एक ही सुई से कई मरीजों को टीका लगाने, बिना जाच के रक्त चढ़ाने, एड्स ग्रस्त माता-पिता द्वारा संतान को जन्म देने से भी एड्स फैल सकती है। उन्होंने कहा कि इकट्ठा भोजन करने, एड्स पीड़ित व्यक्ति से हाथ मिलाने, उसके कपडे़ पहनने इत्यादि से एड्स नहीं फैलती। समय-समय पर एड्स की जाच करवाना जरूरी है और जाच करवाने वाले व्यक्ति का नाम और पता पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है।
........................ उचित मार्गदर्शन जरूरी
कार्यक्रम में मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. केएस राणा ने बताया कि युवा वर्ग में नशे की बढ़ रही प्रवृति का कारण बचपन और युवा अवस्था में बच्चों का उचित मार्गदर्शन न करना भी है। उन्होंने बताया कि नशा किसी समस्या के समाधान और तनाव को कम करने का समाधान नहीं है बल्कि इसके कारण व्यक्ति का शारीरिक और आर्थिक नुकसान भी होता है। उन्होंने युवाओं से अनुरोध किया कि वे अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए नशे से दूर रहें और अच्छी शिक्षा हासिल करके आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करें। I HOPE YOU QUESTION IS GOOD
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