युवाओं में भटकाव कारण और निवारण निबंध
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युवाओं में भटकाव कारण और निवारण - निबंध
किसी भी राष्ट्र अथवा देश के नवयुवक उस राष्ट्र के विकास एवं निर्माण की आधारशिला होते हैं । स्वस्थ नवयुवक ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं ।इन युवकों से ही देश की वास्तविक पहचान होती है । यदि देश के नवयुवकों में चारित्रिक दृढ़ता व नैतिक मूल्यों का समावेश है तथा वे बौद्धिक, मानसिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक शक्तियों से परिपूर्ण हैं तो निस्संदेह हम एक स्वस्थ एवं विकसित राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं ।
युवा किसी भी समाज और राष्ट्र के कर्णधार हैं, वे उसके भावी निर्माता हैं।युवाओं में भटकाव के पीछे एकल परिवार भी महत्वपूर्ण कारक है।युवाओं में भटकाव के पीछे एकल परिवार भी महत्वपूर्ण कारक है।देश की युवा पीढ़ी भटकाव की ओर अग्रसर हो रही है इसका एक मुख्य कारण बेरोजगारी भी है।
युवा पीढ़ी भटकाव के मार्ग पर अग्रसर क्यों होती जा रही है इस संदर्भ में कुछ एक बातें ऐसी भी है जिन्हें हमें रोकना होगा लिहाजा माता-पिता अपनी महत्वाकांक्षा का बोझ युवाओं पर डाल रहे हैं, जिसके कारण युवा पीढ़ी मानसिक रूप से टूटती जा रही है जिस शिक्षा में उसकी रूचि है वह शिक्षा उसके माता-पिता को पसंद नहीं और माता-पिता जिस क्षेत्र में उसको भेजना चाहते हैं वह क्षेत्र उसको पसंद नहीं ऐसे में युवा वर्ग मानसिक अवसाद से ग्रसित हो जाता है इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चे को उसकी रूचि के अनुरूप शिक्षा क्षेत्र में प्रवेश पाने दे ताकि सफलता उसको जल्दी मिल सके।
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भारत की नई पीढ़ी चाहे वह विद्यालय में हो या सचिवालय में, राजनीति में हो या साहित्य में, दफ्तरों में हो सड़कों पर- सभी में असंतोष है। इसी अंसतोष के कारण आज सर्वत्र अराजकता है। विद्यालय, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय जो कभी अनुशासन की जननी माने जाते थे, वहां आज अनुशासनहीनता का ताण्डव हो रहा है।