English, asked by mohammadkaif1811, 6 months ago

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Answered by hanshu54
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Explanation:

राजधानी में बढ़ रहे अपराध को लेकर सूबे के डीजीपी ने सख्त रुख अपनाते हुए एसएसपी के खिलाफ शिकायती पत्र शासन को भेजा है। इसमें एसएसपी के खि‍लाफ आम जनता से डीजीपी मुख्‍यालय को मिली शि‍कायतों का हवाला है। मुख्‍यालय के अधि‍कारियों की मानें तो शासन को लिखा गया पत्र एसएसपी के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने भी प्रमुख सचिव गृह से एसएसपी को हटाने की मांग की है।

पंचम तल के सूत्रों की माने तो डीजीपी ने एसएसपी के खिलाफ शिकायती पत्र शासन को भेजा है। डीजीपी ने शासन को पत्र लिखने के पहले भी एसएसपी के क्रिया कलापों पर उंगली उठाते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। वहीं, मुख्यालय के अधिकारीयों के मुताबिक, डीजीपी द्वारा शासन को लिखे गए पत्रों का मुख्य आधार लोक शिकायत और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मद्देनजर ही होता है। यह पत्र एसएसपी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।

बताते चलें कि सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने भी प्रमुख सचिव गृह से एसएसपी यशस्वी यादव को हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि एसएसपी ने हाल में तेलंगाना के नलगोंडा में कथित सिमी आतंकियों के मारे जाने की सूचना के बाद से जिस प्रकार लखनऊ में घटी अत्यंत संवेदनशील एटीएम कांड को उससे जोड़कर आनन-फानन में उसे फर्जी ढंग से खोलने की पुरजोर कोशिश की, जो वास्तव में निंदनीय है।

डीजीपी पहले भी मांग चुके हैं स्पष्टीकरण

यह पहला मामला नहीं है जब डीजीपी ने एसएसपी के कार्यों पर प्रश्नचिन्ह लगाया हो। एक हफ्ते पहले भी डीजीपी ने राजधानी में तैनात कई थानेदारों की नियुक्ति पर भी प्रश्नचिन्ह लगाए थे। डीजीपी अरविंद कुमार जैन ने एसएसपी से मांगे गए स्पष्टीकरण में अमीनाबाद, मानकनगर और बंथरा में नई तैनाती पाए थानेदारों के पोस्टिंग पर भी सवाल उठाए थे। अपने पत्र में उन्होंने इन तीनों थानेदारों के पोस्टिंग में मानकों के उल्लघंन पर सवाल उठाया था

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