युवा वर्ग का मस्तिष्क नई-नई बातों की ओर ज्यादा तेज़ दौड़ता है। उसमें अन्य वर्ग के व्यक्तियों
से अधिक आवेश और शक्ति होती है। इस अवस्था में यदि सही शिक्षा और उचित मार्गदर्शन न
मिले तो यही शक्ति प्रेरणा और निर्माण के स्थान पर विनाश की ओर ले जाती है। बिगड़ने और
4. खल-कूद
गद्यांश-2
बनने की यही आयु होती है। दुर्भाग्य से हमारे देश में शिक्षा पद्धति केवल उपाधि बाँटने का कार्य
करती है।
एक संपूर्ण व्यक्तित्व वाला मनुष्य बनना आज की शिक्षा-पद्धति के लिए मुश्किल है।
श्न
1.
2.
3.
उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
युवा वर्ग विनाश की ओर कब उन्मुख हो जाता है?
हमारे देश की शिक्षा-पद्धति क्या कार्य करती है?
वर्तमान शिक्षा-पद्धति के लिए क्या कठिन है?
युर्वा वर्ग में अन्य वर्ग के व्यक्तियों से क्या अधिक होता है?
4.
5.
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4
O उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
► उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक होगा..
▬ युवा शक्ति
O युवा वर्ग विनाश की ओर कब उन्मुख हो जाता है?
► सही शिक्षा और उचित मार्गदर्शन न मिलने की स्थिति में युवा वर्ग विनाश की ओर उन्मुख जो जाता है।
O हमारे देश की शिक्षा-पद्धति क्या कार्य करती है?
► हमारे देश की शिक्षा पद्धित केवल उपाधि बाँटने का कार्य करती है।
O वर्तमान शिक्षा-पद्धति के लिए क्या कठिन है?
► एक संपूर्ण व्यक्तित्व वाला मनुष्य बना पाना वर्तमान शिक्षा पद्धति के लिये मुश्किल है।
O युर्वा वर्ग में अन्य वर्ग से क्या अधिक होता है?
► युवा वर्ग में अन्य वर्ग से अधिक आवेश और शक्ति होती है।
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