Hindi, asked by abbasjahir053simran, 7 months ago

याय 'हरिऔध'
मंजु उपवन या वाटिका में खड़े हों।
क्वणित करना वेणु-सा कीचकों को।
सुरति उनको सर्व गोपांगना की।
। श्रवण-रुचि से दीर्घ उत्कण्ठ होती ।।१९।।
रस-शृंगार का
शब्दशक्ति-अ
लक्षणा।
छन्द-मन्दाक्रा
ला के फूले कमलदल को श्याम के सामने ही।
थोड़ा-थोड़ा विपुल जल में व्यग्र हो-हो डुबाना।
यों देना ऐ भगिनि जतला एक अंभोजनेत्रा।
आँखों को हो विरह-विधुरा वारि में बोरती है ॥२०॥
वहन कर के नीप का पुष्प कोई।
बाल लेना।​

Answers

Answered by madhokyash75
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Answer:

।छन्द-मन्दाक्रा

।छन्द-मन्दाक्राला के फूले कमलदल को श्याम के सामने ही।

।छन्द-मन्दाक्राला के फूले कमलदल को श्याम के सामने ही।थोड़ा-थोड़ा विपुल जल में व्यग्र हो-हो डुबाना।

।छन्द-मन्दाक्राला के फूले कमलदल को श्याम के सामने ही।थोड़ा-थोड़ा विपुल जल में व्यग्र हो-हो डुबाना।यों देना ऐ भगिनि जतला एक अंभोजनेत्रा।

।छन्द-मन्दाक्राला के फूले कमलदल को श्याम के सामने ही।थोड़ा-थोड़ा विपुल जल में व्यग्र हो-हो डुबाना।यों देना ऐ भगिनि जतला एक अंभोजनेत्रा।आँखों को हो विरह-विधुरा वारि में बोरती है ॥२०॥

।छन्द-मन्दाक्राला के फूले कमलदल को श्याम के सामने ही।थोड़ा-थोड़ा विपुल जल में व्यग्र हो-हो डुबाना।यों देना ऐ भगिनि जतला एक अंभोजनेत्रा।आँखों को हो विरह-विधुरा वारि में बोरती है ॥२०॥वहन कर के नीप का पुष्प कोई।

।छन्द-मन्दाक्राला के फूले कमलदल को श्याम के सामने ही।थोड़ा-थोड़ा विपुल जल में व्यग्र हो-हो डुबाना।यों देना ऐ भगिनि जतला एक अंभोजनेत्रा।आँखों को हो विरह-विधुरा वारि में बोरती है ॥२०॥वहन कर के नीप का पुष्प कोई।बाल लेना।

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