yaad tumhari aati hay poem in hindi
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ఌʜᴇʏᴀ ᴍᴀᴛᴇఌ
ꨄHᴇʀᴇ ɪs ʏᴏᴜʀ ᴀɴsᴡᴇʀꨄ
जब याद तुम्हारी आती है
मैं खुद को रोक नहीं पाता।
खो जाता हूं उस सागर में
जिसके साहिल पर हम कई बार
निकले थे हाथो में ले के हाथ
वो बाग़ अभी तक है ख्वाबो में।
जिसके कोने में खड़े हुए
मैं घंटो करता था इंतज़ार।
वो तेरी गली के नुक्कड़ पे
आना जाना दिन में कई बार।
वो दिन भी क्या दिन था जब
जब तुम ने लबों को खोला था।
पलकों को नीचे करके तुम ने
मुझसे है प्यार तुम्हें भी बोला था।
वो दिन महीने और साल
जब प्यार हुआ था सरेआम
अब तक है तू इस रूह में
और खुशबू है तेरी साँसों में।
वो वक़्त ही बड़ा ही ज़ालिम था
जब हो गए बेवफा थे तुम मुझसे
अरे एक बार तो तुम बतलाते
था इश्क़ मेरा क्या झूठा वो।
गैरों की बाहो में जाने से पहले
कर लेती याद वफाओ को
जो दर्द दिया है उसने मुझको
क्या कभी उसे भी होगा यह
जब होगी रातें उसकी भी मुश्किल
जब दिन भारी हो जायेगा
आऊंगा उसको फिर से याद मैं
जीना मुश्किल हो जायेगा
जब आँखों के कोरों के आंसू
तकिये गीला कर जायेंगे
होकर बेचैन कहेगा वो भी
जैसे कहता हूँ मैं ये आज
जब याद तुम्हारी आती है,
जब याद तुम्हारी आती है ।।
--आशीष विमल
❦ʜᴏᴘᴇ ɪᴛs ʜᴇʟᴘ ᴜ❦
ꨄᴍᴀʀᴋ ᴀs ʙʀᴀɪɴʟɪsᴛ ꨄ✔