Hindi, asked by neha21129, 9 months ago

yaar koi to answer de do plz plz plzplz​

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Answered by jayasreechakraborty3
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Answered by veer25316
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उद्धव द्वारा कृष्ण के सन्देश को सुनकर तथा उनके मंतव्य को जानकर गोपियों को बहुत दुख हुआ । गोपियाँ बात करती हुई व्यंग्यपूर्वक कहती हैं कि वे तो पहले से ही बहुत चतुर - चालाक थे ।अब राजनीतिक कारण से मथुरा गये हैं तो शायद राजनीति शास्त्र मे भी महारत हासिल कर ली है और हमारे साथ ही राजनीति कर रहे हैं ।वहाँ जाकर शायद उनकी बुद्धि बढ़ गई है तभी तो हमारे बारे में सब कुछ जानते हुए भी उन्होंने हमारे पास उद्धव से योग का सन्देश भेजा है । उद्धव जी का इसमे कोई दोष नहीं । वे तो अगले ज़माने के आदमी की तरह दूसरों के कल्याण करने में ही आनन्द का अनुभव करते हैं । हे उद्धव जी ! यदि कृष्ण ने हमसे दूर रहने का निर्णय ले ही लिया है तो हम भी कोई मरे नही जा रहीं । आप जाकर कहिएगा कि यहाँ से मथुरा जाते वक्त श्रीकृष्ण हमारा मन भी अपने साथ ले गए थे । हमारा मन तो उन्हीं के साथ है ;उसे वे वापस कर दें । अत्याचारी का दमन कर प्रजा को अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए वे मथुरा गए थे । परन्तु ; वहाँ जाकर वे स्वयं हम पर अत्याचार कर रहे हैं । कहिएगा कि एक अत्याचारी को कोई हक़ नहीं कि वह किसी दूसरे अत्याचारी पर ऊँगली उठाए । हे उद्धव जी ! आप उनसे कहिएगा कि वे हमारे राजा हैं और राजा होने के नाते उन्हें कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिये जिससे उनकी प्रजा को किसी भी प्रकार से , कोई भी कष्ट पहुँचे । यही एक राजा का धर्म है
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