yadi 6 saal ke sonu ne switch board Mai ungli ghusa li hai aur behosh hone laga h tab aap kya prathmik chikitsa pradan karenge karengi
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बेहोशी उसे कहते हैं जब व्यक्ति अचानक से जवाब देना या कुछ प्रतिक्रिया करना बंद कर देता है और ऐसा लगता है जैसे वो सो रहा है। बेहोशी की समस्या तब होती है जब व्यक्ति के दिमाग में कुछ समय के लिए खून का प्रवाह रुक जाता है जिससे दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती। ये कभी-कभी कुछ समय तक ताजी हवा न मिलने के कारण भी होता है। बेहोशी थोड़े समय के लिए भी हो सकती है या लंबे समय के लिए भी हो सकती है। बेहोश होने पर कभी-कभी अस्पताल जाने की आवश्यकता भी हो सकती है।
बेहोश होना अपने आप में एक आपातकालीन स्थिति है, जिसके लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए, लेकिन निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर के पास जाने में देरी बिलकुल न करें -
अगर बेहोश व्यक्ति कुछ मिनटों में होश में नहीं आता।
अगर बेहोश होते समय व्यक्ति को सिर की चोट लगी है।
अगर व्यक्ति के होंठ या नाखून नीले पड़ गए हैं। (और पढ़ें - नील क्यों पड़ते हैं)
अगर बेहोश व्यक्ति को कहीं भी चोट लगी है और खून निकल रहा है।
अगर व्यक्ति एक महीने में एक बार से अधिक बेहोश होता है।
अगर व्यक्ति की दिल की धड़कन धीमी या अनियमित है।
अगर व्यक्ति को शुगर है। (और पढ़ें - शुगर में परहेज)
अगर महिला गर्भावस्था में है।
अगर व्यक्ति को छाती में दर्द हो रहा है। (और पढ़ें - छाती में दर्द के घरेलू उपाय)
अगर व्यक्ति को दौरे पड़ रहे हैं।
अगर व्यक्ति को छाती में दबाव या कोई समस्या महसूस हो रही है। (और पढ़ें - सीने में जलन के कारण)
अगर व्यक्ति की सांस फूल रही है। (और पढ़ें - सांस फूलने के उपाय)
अगर व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। (और पढ़ें - सांस लेने में तकलीफ हो तो क्या करें)
अगर व्यक्ति ने मल या मूत्र पर अपना नियंत्रण खो दिया है। (और पढ़ें - पेशाब न रोक पाने के कारण)
अगर व्यक्ति बोल नहीं पा रहा है या अपने हाथ-पैर नहीं हिला पा रहा है। (और पढ़ें - पैरालिसिस के लक्षण)
अगर व्यक्ति उलझन में है या उसे धुंधला दिख रहा है। (और पढ़ें - धुंधला दिखने के कारण)
अगर व्यक्ति की उम्र 50 वर्ष से अधिक है।
अगर व्यक्ति को देखने में कोई समस्या हो रही है। (और पढ़ें - भेंगेपन के लक्षण)
अगर व्यक्ति दिल की बीमारी या कोई अन्य गंभीर समस्या है। (और पढ़ें - दिल का दौरा पड़ने पर क्या करें)