Hindi, asked by kantham9446, 1 year ago

yadi ma mukhamantri hota par nibhand

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Answered by aaradhya13166
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वैसे तो मुझे राजनीति बिलकुल पसंद नहीं है लेकिन आज के परिप्रेक्षय में मैं अपने प्रदेश का मुख्यमंत्री बनकर अपने राज्य के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूँ। मैं झारखंड जैसे खनन और प्राकृतिक धन-सम्पदा से परिपूर्ण राज्य का निवासी हूँ और ऐसे में अपने प्रदेश को पिछड़ा हुआ देखकर बहुत ही निराश हो जाता हूँ। अतः मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूँ।

मैं मुख्य मंत्री ही इसलिए बनना चाहता हूँ क्यूंकि मुझे लगता है कि मैं एक योग्य मुख्यमंत्री बनकर इस राज्य के विकास के लिए बहुत कुछ करने में सक्षम हूँ। जैसा कि किसी मुख्यमंत्री पर पूरे राज्य के विकास कि जिम्मेवारी होती है मैं इस जिम्मेवारी को अपने तरीके से निभाना चाहता हूँ। आज हमारे राज्य के मंत्री जनता के पैसे को जनता पर खर्च करने के बजाय अपने विकास पर खर्च कर रहे हैं। अतः मुख्यमंत्री बनने के पश्चात मेरी पहली प्राथमिकता यही होगी कि भ्रष्टाचार को यथासंभव जड़ से मिटाने का प्रयास करूँ। किसी भी प्रदेश का विकास तबतक रेंगने पर विवश रहेगा जबतक भ्रस्ट लोगों पर अंकुश नहीं लगाया जाएगा।

मैं हर सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ शिकायत के लिए कुछ फोन नंबर और एक-एक बक्से लगवा दूंगा जिससे जब भी लोगों को किसी भी प्रकार कि शिकायत होगी वे सीधे फोन पर या पत्र के माध्यम से अपनी शिकायतें मुझ तक पहुंचा सकेंगे। जो लोग दोषी पाये जाएंगे उन्हें या तो नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा या तो साथ ही कड़ी से कड़ी सजा का पात्र होना पड़ेगा। इसके पश्चात मैं विकास से जुड़े विषय जैसे सड़क, बिजली, पानी और रोजगार इन सारे विषयों को खुद अपने निगरानी में देखुंगा। मेरी यह पूरी कोशिश होगी की विकास से जुड़े कार्यों को निर्धारित समय में पूरा करूँ। समय-समय बिना किसी विभाग को सूचना दिये हुए, पर पूरे प्रदेश का दौरा करूंगा जिससे विकास की गति की वाशतविकता का ज्ञान हो पाएगा। मैं राज्य मैं उद्योग धंधों के विकास के लिए उचित प्रारूप तैयार करूंगा और स्वयं उसकी निगरानी करूंगा। इससे प्रदेश में रोजगार के नए-नए विकल्प सामने आएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वम रोजगार को बढ़ावा दूंगा। सरकारी शिक्षण संस्थानों को इतना उन्नत और सुविधासंपन्न बना दूँगा की लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने के बजाय सरकारी स्कूलों में पूरे गर्व के साथ भेजेंगे और सरकारी स्कूलों के प्रति हीन भावना खत्म होगी।
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