Yadi mai bharat ka pradhan mantri ban jau nibandh
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हमारा राष्ट्र एक संप्रभुता संपन्न गणराज्य है । यहाँ की जनता अपना नेता चुनने के लिए स्वतंत्र है । हमारा अपना संविधान है । संविधान के अनुसार राष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक माननीय राष्ट्रपति से केवल प्रमुख विषयों पर ही विचार-विमर्श किया जाता है अथवा अनुमति ली जाती है ।
इस प्रकार देश के प्रधानमंत्री का पद सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद हो जाता है । देश के विकास संबंधी नीति-नियम तथा इसके संचालन के प्रमुख दायित्व एवं अधिकार प्रधानमंत्री के ही पास होते हैं । आज हमारे देश में घूसखोरी और रिश्वतखोरी दिनों-दिन बढ़ती चली जा रही है । यह कुप्रथा हमारे समस्त तंत्र को भीतर ही भीतर खोखला कर रही है ।
एक सामान्य निचले दर्जे के कर्मचारी से लेकर चोटी तक के शीर्षस्थ अधिकारी व नेता सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं । यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो पद ग्रहण करने के उपरांत सर्वप्रथम मेरा प्रयास यही होता, शासन में फैले भ्रष्टाचार व घूसखोरी को त्वरित गति से समाप्त करना ।
भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी व भाई-भतीजावाद आदि बुराइयाँ देश की प्रगति के मार्ग के प्रमुख अवरोधक हैं । मैं यह बात भी भली-भाँति समझता हूँ कि बिना इस पर अंकुश लगाए हमारी कार्य-योजनाएँ पूर्ण रूप से सफल नहीं हो सकती हैं क्योंकि गरीब व निचले दर्जे के उत्थान के लिए सरकार जो भी आर्थिक मदद मुहैया कराती है उसे उच्च अधिकारी व अन्य भ्रष्ट लोग गंतव्य तक पहुँचने ही नहीं देते ।
इसे रोकने के लिए सर्वप्रथम मैं यह व्यवस्था करूँगा कि भविष्य में अपराधी तत्व के लोगों को चुनाव टिकट न मिल सके अपितु वही लोग सत्ता में आ सकें जो गुणी एवं पद के लिए सर्वथा योग्य हों । इसके अतिरिक्त मेरा प्रयास होगा कि जनता का धन जो सरकार के पास कर तथा अन्य माध्यमों से जमा होता है उसका सदुपयोग हो । अपने मंत्रिपरिषद के समस्त मंत्रियों के वे खर्च रोक दिए जाने चाहिए जो आवश्यक नहीं हैं ।
इसके अतिरिक्त उन भ्रष्ट नेताओं, अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों के प्रति कड़ी कार्यवाई की जाएगी जो भ्रष्टाचार के आरोपी पाए जाते हैं । इसमें किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी भले ही वह किसी पद पर क्यों न हो, क्योंकि कानून की दृष्टि में सभी एक समान होते हैं ।
हमारे देश की दो-तिहाई से भी अधिक जनसंख्या गाँवों में निवास करती है जहाँ अधिकांश ऐसे लोग हैं जो आजादी के पाँच दशकों बाद भी गरीबी रेखा से नीचे रहकर जीवन-यापन कर रहे हैं । मेरी विकास योजनाओं का केंद्र बिंदु यही लोग होंगे ।
इस प्रकार देश के प्रधानमंत्री का पद सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद हो जाता है । देश के विकास संबंधी नीति-नियम तथा इसके संचालन के प्रमुख दायित्व एवं अधिकार प्रधानमंत्री के ही पास होते हैं । आज हमारे देश में घूसखोरी और रिश्वतखोरी दिनों-दिन बढ़ती चली जा रही है । यह कुप्रथा हमारे समस्त तंत्र को भीतर ही भीतर खोखला कर रही है ।
एक सामान्य निचले दर्जे के कर्मचारी से लेकर चोटी तक के शीर्षस्थ अधिकारी व नेता सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं । यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो पद ग्रहण करने के उपरांत सर्वप्रथम मेरा प्रयास यही होता, शासन में फैले भ्रष्टाचार व घूसखोरी को त्वरित गति से समाप्त करना ।
भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी व भाई-भतीजावाद आदि बुराइयाँ देश की प्रगति के मार्ग के प्रमुख अवरोधक हैं । मैं यह बात भी भली-भाँति समझता हूँ कि बिना इस पर अंकुश लगाए हमारी कार्य-योजनाएँ पूर्ण रूप से सफल नहीं हो सकती हैं क्योंकि गरीब व निचले दर्जे के उत्थान के लिए सरकार जो भी आर्थिक मदद मुहैया कराती है उसे उच्च अधिकारी व अन्य भ्रष्ट लोग गंतव्य तक पहुँचने ही नहीं देते ।
इसे रोकने के लिए सर्वप्रथम मैं यह व्यवस्था करूँगा कि भविष्य में अपराधी तत्व के लोगों को चुनाव टिकट न मिल सके अपितु वही लोग सत्ता में आ सकें जो गुणी एवं पद के लिए सर्वथा योग्य हों । इसके अतिरिक्त मेरा प्रयास होगा कि जनता का धन जो सरकार के पास कर तथा अन्य माध्यमों से जमा होता है उसका सदुपयोग हो । अपने मंत्रिपरिषद के समस्त मंत्रियों के वे खर्च रोक दिए जाने चाहिए जो आवश्यक नहीं हैं ।
इसके अतिरिक्त उन भ्रष्ट नेताओं, अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों के प्रति कड़ी कार्यवाई की जाएगी जो भ्रष्टाचार के आरोपी पाए जाते हैं । इसमें किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी भले ही वह किसी पद पर क्यों न हो, क्योंकि कानून की दृष्टि में सभी एक समान होते हैं ।
हमारे देश की दो-तिहाई से भी अधिक जनसंख्या गाँवों में निवास करती है जहाँ अधिकांश ऐसे लोग हैं जो आजादी के पाँच दशकों बाद भी गरीबी रेखा से नीचे रहकर जीवन-यापन कर रहे हैं । मेरी विकास योजनाओं का केंद्र बिंदु यही लोग होंगे ।
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yadi mein ek din pradhan mantri ban jaau toh mein sabse pehle bacho ke paper cancel krwa dunga . har jagah memes bajenge * re bete moje kardi are wah bete wah
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