yadi mai docter hota to iss vishay vichar likhiye
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आज के आधुनिक युग में बहुत ही कम डॉक्टर हैं जो अपने उत्तरदायित्व को ईमानदारी से निभाते हैं। ज्यादातर डॉक्टर तो बस अधिक से अधिक पैसा कमाने की चाहत रखते हैं। यह भी सच है कि डॉक्टर के पास कोई नहीं जाना चाहता, पर हर साल कभी न कभी ऐसा दिन आ ही जाता है कि लोगों को डॉक्टर के पास जाना पड़ता है।लोगों को अच्छी सेवा देता
बहुत से डाक्टर ऐसे होते हैं कि जब तक उनका क्लीनिक अच्छी तरह नहीं चलता वह लोगों का अच्छा उपचार करते हैं। समय लेकर मरीजो की जांच करते हैं और दवा लिखते हैं। पर जैसे ही उनका क्लिनिक ज्यादा चलने लगता है वह अपने काम में लापरवाही दिखाने लगते हैं।
एक मरीज को देखने में सिर्फ 2 से 5 मिनट कामरीजों से किसी प्रकार का धोखा (छल) नहीं करता
आज के युग में डॉक्टरों ने अंधेर मचा रखा है। एक तरफ वे 200 से लेकर 500, 1000 रुपये तक मोटी फीस वसूलते हैं और दूसरी तरफ मरीजों को जरूरत से ज्यादा दवाएं लिख देते हैं। बहुत ही जगह तो डॉक्टर को एक बार दिखाने पर मरीज का 4 से 5 हजार रूपये तक खर्च हो जाता है।मरीजो का निशुल्क उपचार करता
हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो बहुत गरीब हैं। उनके पास महंगी दवा खरीदने के पैसे नहीं होते हैं। डॉक्टर की फीस चुकाने के लिए पर्याप्त धन नहीं होता है। इस श्रेणी में छोटे मजदूर, कामगार, रिक्शेवाले, रेड़ी वाले, फैक्ट्री के मजदूर, भिखारी जैसे लोग आते हैं। उन लोगों को अच्छा इलाज नहीं मिल पाता है। यदि मैं डॉक्टर होता तो अपने खाली वक्त में लोगों की निशुल्क उपचार करता।कम से कम छुट्टी लेता
दोस्तों, हर पेशेवर आदमी काम करते करते थक जाता है और उसे छुट्टियों की जरूरत होती है। पर क्या आपने सोचा है कि एक डॉक्टर यदि कुछ दिन छुट्टी पर चला जाए तो इसका क्या असर होगा? बहुत से मरीज तो बिना इलाज के ही मर जाएंगे।