yadi main pradhanmantri hota b.a evirtualguru hindi 300 words
Answers
यदि मैं प्रधानमंत्री होता !
मेरी कल्पना – अगर मैं प्रधानमंत्री होता ! यदि यह कल्पना सच होती तो मैं देख का नक्शा बदल कर रख देता | मैं भारतवर्ष को मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए जी-जान लगा देता | मैं अपनी सेनाओं को इतना मजबूत बना कि कोई भी देख हमारी सीमाओं में घुसपैठ करने का विचार ही न करता | न ही अंतरराष्ट्रीय मत की इतनी अधिक परवाह करता |
मेरी विदेश निति – मैं पड़ोसी देशों के साथ मित्र्तापुण संबंध रखता | अगर पडोसी देश हरारी दोस्ती का जवाब दुश्मनी से देता तो अवश्य ही उसकी ईंट से ईंट बजा देता | मेरा सिद्धांत यही होता –
“ह्र्दय हो प्रेम लेकिन शक्ति भी कर में प्रबल हो !”
देशद्रोह की समाप्ति – आज देख के अंदर देशद्रोहियों, भरष्टाचारियों, साम्प्रदायिक शक्तियों और शोषकों का बोलबाला है | भारत के चप्पे-चप्पे में विदेशी शत्रूओं के एजेंट छाय हुए हैं | मैं प्रधानमंत्री होता, तो इसे देशद्रोहियों को कुचलकर मरवा डालता |
भरष्टाचार पर रोक – वर्तमान भारत में भरष्टाचार का बोलबाला है | पिछले वर्षो में कितने बड़े-बड़े घोटाले हुए, किंतु किसी का भी बोल बाँका नहीं हुआ | इससे भरष्टाचार में लिप्त लोगों का उत्साह दुगुना हो गया है | अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो भरष्टाचार के विरूद्ध सखत कदम उठता | भ्रष्ट अधिकारियों को चुन-चुनकर दंड देता | ईमानदारी का व्यवहार करने वाले अधिकारयों को पुरस्कार देता |
Answer:
यदि मैं प्रधानमंत्री होता !
मेरी कल्पना – अगर मैं प्रधानमंत्री होता ! यदि यह कल्पना सच होती तो मैं देख का नक्शा बदल कर रख देता | मैं भारतवर्ष को मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए जी-जान लगा देता | मैं अपनी सेनाओं को इतना मजबूत बना कि कोई भी देख हमारी सीमाओं में घुसपैठ करने का विचार ही न करता | न ही अंतरराष्ट्रीय मत की इतनी अधिक परवाह करता |
मेरी विदेश निति – मैं पड़ोसी देशों के साथ मित्र्तापुण संबंध रखता | अगर पडोसी देश हरारी दोस्ती का जवाब दुश्मनी से देता तो अवश्य ही उसकी ईंट से ईंट बजा देता | मेरा सिद्धांत यही होता –
“ह्र्दय हो प्रेम लेकिन शक्ति भी कर में प्रबल हो !”
देशद्रोह की समाप्ति – आज देख के अंदर देशद्रोहियों, भरष्टाचारियों, साम्प्रदायिक शक्तियों और शोषकों का बोलबाला है | भारत के चप्पे-चप्पे में विदेशी शत्रूओं के एजेंट छाय हुए हैं | मैं प्रधानमंत्री होता, तो इसे देशद्रोहियों को कुचलकर मरवा डालता |
भरष्टाचार पर रोक – वर्तमान भारत में भरष्टाचार का बोलबाला है | पिछले वर्षो में कितने बड़े-बड़े घोटाले हुए, किंतु किसी का भी बोल बाँका नहीं हुआ | इससे भरष्टाचार में लिप्त लोगों का उत्साह दुगुना हो गया है | अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो भरष्टाचार के विरूद्ध सखत कदम उठता | भ्रष्ट अधिकारियों को चुन-चुनकर दंड देता | ईमानदारी का व्यवहार करने वाले अधिकारयों को पुरस्कार देता |
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