Yadi mein panchi hota essay in hindi
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अगर मैं एक पंछी होता तो मैं बस बेपरवाह आजाद सा होकर आसमान में उड़ता रहता, फिर तो किसी भी वस्तु, व्यक्ति, विचार, आडंबर, समाज की परवाह ना करता , ज़रा भी फिकर ना करता , ना ही बंधनों में बंधना पड़ता, बंधन जो बेवजह मनुष्य को पूरे जीवन रोक कर रखते हैं। संसार की मोह माया से दूर बस अपने में खुश रहता और घूमता आसमान की छूता| बिना किसी के रोक टोक से मैं दुनिया घूमता। मैं एक आज़ादी वाला जीवन जीता और आनन्द लेता|
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