Yadi shyaampat bolne lage essay in hindi
Answers
ans is .....
yadi shyaampat bolne lage
priya doston main aadi hu.
main dilli public school ke chatti kaksha ki blackboard hu...mujhpar kai kuch likha jata aur jald hi mitaya bhi jata
mujhe ganit mein ruchi v bacchon se prem hai
mera saathi duster , kal kahi kho gaya to aaj mera naya saathi aa gaya..
main kabhi bhi nahi roti..
aksar mera chota bhai ( chalk ) toot bhi jata hai parantu main phir bhi tiki rahti hun
hope it helps
please mark brainliest ans
Explanation:
[ यदि स्याम पट बोलने लगे ]
बचपन से लेकर अब तक हम सभी अपने स्कूलों में जिस छोटी चार दीवारी को देखते आए हैं , उसका नाम हैं स्यामपट। जैसे इसका नाम ब्लैक बोर्ड हैं । ये काला जरूर हैं मगर इसे ध्यान लगा कर देखना ही पड़ता हैं ।
लेकिन आज हम जो कुछ भी हैं जैसे हम पढ़ सकते हैं , अच्छे और गलत में फर्क करना जानते हैं वो इस ब्लैक बोर्ड की वजह से ही संभव हो पाया है । इस मौन चार दीवारी से ही हमने अपनी पढ़ाई की शुरुआत की थी ।
बच्चों को सबसे प्यारी चीजें वो लगती हैं जो बोला करती हैं । पर ब्लैक बोर्ड का क्या वो तो एक तो स्थिर रहती हैं और दूसरे मौन । इससे कुछ बच्चे मायूस भी हो जाते हैं । और कुछ ना चाहते हुए भी उसे देखते रहते हैं ।
लेकिन ज़रा सोचिए क्या होता जब ब्लैक बोर्ड बोलने लगता ; कितना अच्छा रहता ; जिन बच्चों को क्लास में नींद आती , तथा जो मायूस रहते । उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती और उनका पढ़ाई में भी मन लगने लगता ।
इससे ब्लैक बोर्ड को भी आराम मिलता और अध्यापकों को भी । पहले क्या था - उन पर पहले लिखा जाता था तथा फिर रगड़ कर मिटा दिया जाता था । इससे ब्लैक बोर्ड को भी तकलीफ होती थी ।
लेकिन जब यह बोलने लगे तो इसकी तो बात ही कुछ अलग हैं । जो बच्चे प्रतिदिन स्कूल नहीं जाते वो भी जाने लगते । क्योंकि पहली बार ब्लैक बोर्ड बोल जो रहा है । बच्चों में तो खुशी रही लेकिन अध्यापकों में नाराजगी ; क्योंकि अब उनकी पिटाई नहीं हो पाती ।
धन्यवाद ।