yah murjhaya Hua Phool hai iska Re Dukhana mat Swayam bikane wali Iske pankhudiya Vikraanta mat
name the Ras
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Answers
यह मुरझाया हुआ फूल है, इसका हृदय दुखाना मत।
स्वयं बिखरनेवाली इसकी, पँखड़ियाँ बिखराना मत॥
इन पंक्तियों में शांत रस है। शांत रस का स्थायी भाव निर्वेद अर्थात उदासीनता है।
शांत रस में तत्व ज्ञान की प्राप्ति अथवा संसार से वैराग्य जीवन से वैराग्य अथवा उदासीनता संबंधी बातों को व्यक्त किया जाता है। इन बातों को व्यक्त करने से मन को शांति मिलती है। जहां पर ना तो दुख होता है और ना ही बहुत अधिक प्रसन्नता होती है। केवल जीवन के प्रति उदासीनता या शांत भाव प्रकट होता है।
‘सुभद्रा कुमारी चौहान’ द्वारा रचित कविता “मुरझाया फूल” की यह पंक्तियां उदासीनता का भाव प्रकट करती हैं, इसलिए यहां पर शांत रस प्रकट हो रहा है।
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(क) निम्नलिखित काव्य पक्तियों में रस पहचान कर लिखिए।
जसोदा हरि पालने झुलावै।
हलरावै, दुलरावै, मल्हावे, जोई-सोई कछु गावे।
(ख) शांत रस का स्थायी भाव लिखिए।
(ग) “भय" किस रस का स्थायी भाव है।
(घ) वीर रस का उदहारण लिखिए।
Answer:
इन पंक्तियों में शांत रस है।
Explanation:
शांत रस का स्थायी भाव निर्वेद अर्थात उदासीनता है। ... केवल जीवन के प्रति उदासीनता या शांत भाव प्रकट होता है। 'सुभद्रा कुमारी चौहान' द्वारा रचित कविता “मुरझाया फूल” की यह पंक्तियां उदासीनता का भाव प्रकट करती हैं, इसलिए यहां पर शांत रस प्रकट हो रहा है।