यह
ऐसा संसार है जैसो सेमर फूल।
दिन दस के ब्यौहार कौ, झूठे रंग न भूल।।1।।
ess dohe ka matlab batao.
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कबीरदास कहते है कि मानव जीवन सेमल के फूल की तरह है. जिस तरह सेमल का फूल रुई बनकर सब जगह उड़ जाता है, मानव जीवन भी इसी प्रकार क्षणभंगुर है. इसलिये हमें इस दस दिन जीवन के झूठे रंग में रंगकर अभिमान नहीं करना चाहिये।
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