यह एक कक्षा का उदाहरण है, इसे पढ़िए और नीचे दिए गए सवालों पर चर्चा कीजिए :
बच्चे हर रोज़ सुबह जब स्कूल आते हैं, तो उन्हें चुपचाप अपनी सीट पर बैठना होता है । सब बच्चों के आने के बाद शिक्षक कुछ कविताएँ करवाते हैं व वर्णमाला का दोहराव करवाते हैं । इसके बाद की ज़्यादातर गतिविधियों में शिक्षक ज़्यादा बोलते हैं व बच्चों की भूमिका सुनने की होती है । किसी कहानी के बाद अक्सर तथ्य-आधारित प्रश्न ही पूछे जाते हैं व कक्षा के कुछ ख़ास बच्चों को जवाब देने के लिए कहा जाता है । बच्चे अक्सर बोर्ड से लिखित कार्य कॉपी करने, शिक्षक के पीछे बोलकर पाठ का दोहराव करने जैसे कार्यों में व्यस्त रहते हैं । शिक्षक का मानना है कि कक्षा में हर वक़्त शांति रहनी चाहिए । इसलिए बच्चों को एक-दूसरे से बात करने की ज़्यादा छूट नहीं है । शिक्षक कुछ गलती होने पर बच्चों को डांट देते हैं, इसलिए बच्चे शिक्षक से डरते भी हैं ।
इस कक्षा में किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता है ?आप इस कक्षा में किसी प्रकार के बदलाव लाना चाहेंगे ? इसके लिए आपकी योजना क्या होगी
Answers
Answer:
इस कक्षा में हमें निम्नलिखित बदलाव करने की आवश्यकता है:-
सर्वप्रथम बच्चों को बोलने की अनुमति दी जाय क्योंकि शिक्षा/ पढ़ने का मतलब सिर्फ ये नही है कि बच्चों को केवल स्कूल में पढाये जाने वाले बातों को ही शांतिपूर्वक रटना है। बल्कि शिक्षा का सही मतलब स्कूल के बाद अपने जीवन में भी आगे बढ़ना होता है।
अन्य गतिविधियों में भी बच्चों को भाग लेने देना चाहिए मतलब कि उन्हें भी बोलने और सीखने का अवसर देना चाहिए। इससे बच्चों का व्यक्तित्व निखरेगा।
कक्षा में सभी प्रकार के बच्चों को सवाल जवाब देने का मौका देना चाहिए तभी तो वो आगे बढ़ पाएंगे। नहीं तो अगर हम सिर्फ कुछ गिने चुने बच्चों को ही केवल यह मौका देंगे, तो बाकियों का विकास नहीं हो पायेगा और तो और बच्चों में हीन भावनाओं का भी विकास होगा जो सही नहीं है।
हाँ, कक्षा में शान्तिपूर्ण वातावरण भी जरूरी है, पर इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि हम बच्चों को हमेशा ऐसा करने के लिए कहेंगे और उन्हें भयभीत करके रखेंगे। ऐसे में बच्चे तो डरेंगे ही पर साथ मे अपने शिक्षक से अपनी दिक्कतों के बारे में भी बात करने से डरेंगे।