यह एक सादी एवं शिक्षाप्रद कविता है । यह हमें सिखाती है कि हमें लालची नहीं होना चाहिए । हमें गरीब एवं भूखे लोगों की सहायता करनी चाहिए । एक बार संत पीटर पूरे दिन के उपवास के बाद भूखे थे । उन्होंने एक स्त्री को केक बनाते देखा । उन्होंने उससे एक केक मांगा । स्त्री बड़ी लालची थी । उसने संत पीटर के लिए बहुत छोटा और पतला केक बनाया । मगर वह इस केक को भी नहीं देना चाहती थी । संत पीटर को गुस्सा आ गया । उन्होंने स्त्री को श्राप दिया कि वह पक्षी बन जाए । वह कठफोड़ा बन गई और चिमनी से निकलकर उड़ गई । वह आज भी जंगल में रहती है और भोजन के लिए वृक्षों में छेद करती रहती है ।)
Answers
Answered by
1
Answer:
yes I think this sentence is correct
Similar questions