Biology, asked by ItsBrainlyStarQueen, 11 months ago

यह एक विशेषज्ञ द्वारा निदान किया गया था कि एक रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को दबा दिया गया है। संक्रमण और शरीर में प्रवेश के तंत्र का वर्णन करें।

Answers

Answered by ItzCuteChori
2

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एचआईवी के कारण संक्रमण एड्स है।

• रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन के माध्यम से, वायरस रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस की मदद से वायरल डीएनए से मैक्रोफेज में प्रवेश करते हैं।

• यह वायरल डीएनए मेजबान कोशिकाओं के डीएनए में शामिल हो जाता है और संक्रमित कोशिकाओं को वायरस कणों के उत्पादन के लिए निर्देशित करता है।

• मैक्रोफेज एक एचआईवी कारखाने की तरह एचआईवी का उत्पादन करते रहते हैं।

• एचआईवी सहायक टी-कोशिकाओं में प्रवेश, प्रतिकृति और वायरल संतान उत्पन्न करता है।

• एचआईवी सहायक टी-कोशिकाओं में प्रवेश, प्रतिकृति और वायरल संतान उत्पन्न करता है।

Answered by avitaylor101
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Explanation:

अभी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में कराये गये खुदाई में जो भित्तिचित्र मिले हैं उनसे इसकी आयु ईसा से एक हजार वर्ष पूर्व का लगाया जा रहा है, जिसे महाभारत के समय से जोड़ा जाता है, लेकिन उस समय के जनसंख्या के कोई प्रमाण अभी नहीं मिले हैं। कुछ इतिहासकार इन्द्रप्रस्थ को पुराने दुर्ग के आस-पास मानते हैं।

अभी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में कराये गये खुदाई में जो भित्तिचित्र मिले हैं उनसे इसकी आयु ईसा से एक हजार वर्ष पूर्व का लगाया जा रहा है, जिसे महाभारत के समय से जोड़ा जाता है, लेकिन उस समय के जनसंख्या के कोई प्रमाण अभी नहीं मिले हैं। कुछ इतिहासकार इन्द्रप्रस्थ को पुराने दुर्ग के आस-पास मानते हैं।पुरातात्विक रूप से जो पहले प्रमाण मिलते हैं उन्हें मौर्य-काल (ईसा पूर्व 300) से जोड़ा जाता है। तब से निरन्तर यहाँ जनसंख्या के होने के प्रमाण उपलब्ध हैं। 1966 में praptअशोक का एक शिलालेख(273 - 300 ई पू) दिल्ली में श्रीनिवासपुरी में पाया गया। यह शिलालेख जो प्रसिद्ध लौह-स्तम्भ के रूप में जाना जाता है अब क़ुतुब-मीनार में देखा जा सकता है। इस स्तंभ को अनुमानत: गुप्तकाल (सन ४००-६००) में बनाया गया था और बाद में दसवीं सदी में दिल्ली लाया गया।लौह स्तम्भ यद्यपि मूलतः कुतुब परिसर का नहीं है, ऐसा प्रतीत होता है कि यह किसी अन्य स्थान से यहां लाया गया था, संभवतः तोमर राजा, अनंगपाल द्वितीय (1051-1081) इसे मध्य भारत

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