यह 'जागना' सारी चिंता का मूल है। लेखक ने ऐसा क्यों कहा है?
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→ यह 'जागना' सारी चिंता का मूल है। जागना अर्थात् विवेक के साथ सोचना। निस्संदेह, मनुष्य ने अपने-आपके लिए 'महती विनष्टि' के साधन ढूँढ लिए हैं और यह बड़ी तेज़ी से महानाश की ओर दौड़ पड़ा है।
ɪᴛᴢᴛʀᴀɢɪᴄɢɪʀʟ❤
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'जागना' अर्थात् विवेक के साथ सोचना। निस्संदेह, मनुष्य ने अपने आपके लिए 'महती विनष्टि' के साधन ढूँढ लिए है और वह बड़ी तेजी से महानाश की और दौड़ पड़ा है। यह भयंकर दुःसंवाद है।
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