Hindi, asked by aman12387, 11 months ago

यह झारखंड का एक जिला है जहां 50 एकड़ भूमि पर एक बड़ा तालाब
हुआ करता था और किवदंती के अनुसार कोई भी व्यक्ति तैरकर अथवा
हाथी पर या नाव पर तालाब को एक छोर से दूसरे छोर तक पार नहीं
कर पाया है। यदि किसी ने ऐसा दुस्साहस किया भी तो उसके पांव घेरे
में फंस जाते थे और वह अपने आपको जल समाधि में पाता था। उस
जिले का नाम बताएं जहां यह तालाब स्थित है:
(A) गोड्डा
(B) गिरीडीह
(C) गढ़वा
| (D) गुमला​

Answers

Answered by jyothi77
0

Answer:

a) guess is the right answer please thank me

Answered by mscheck980
2

Answer:

(A) गोड्डा

Explanation:

यह झारखंड का एक जिला है जहां 50 एकड़ भूमि पर एक बड़ा तालाब

हुआ करता था और किवदंती के अनुसार कोई भी व्यक्ति तैरकर अथवा

हाथी पर या नाव पर तालाब को एक छोर से दूसरे छोर तक पार नहीं

कर पाया है। यदि किसी ने ऐसा दुस्साहस किया भी तो उसके पांव घेरे

में फंस जाते थे और वह अपने आपको जल समाधि में पाता था। उस

जिले का नाम गोड्डा था जहां यह तालाब स्थित है:

यह स्थान पथरगामा  ब्लॉक के मुख्यालय से 12 किलोमीटर की दूरी पर है जो राजा बसंत राय द्वारा निर्माण  किया गया था। 50 एकड़ भूमि में एक बड़ा सा तालाब  है  । पौराणिक कथा के अनुसार, कोई भी तैराकी या हाथी या नाव में इस तालाब  को पार करने में सक्षम नहीं था । अगर कोई ऐसा करने का प्रयास करता था  तो समझ लेता था की ओ  खुद को जल रूपा  कब्र की ओर जा रहा  है। यह भी माना जाता है कि विवाह या किसी भी तरह के सामाजिक समारोहों के अवसर पर तालाब को  आमंत्रित किया जाता था और इस अवसर पर  बर्तन मांगने वाले लोग तालाब  से चमत्कारी  रूप से बर्तन प्राप्त करते थे | उद्देश्य पूर्ण होने पर इन बर्तनों  को  वापस करना पड़ता  था , जो नहीं करते थे  उन्हें आपदा या दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता था । यह विश्वास अभी भी निर्भर है और इसे हिंदुओं के लिए पवित्र माना जाता है| 14 अप्रैल को चैता संक्रांति त्योहार से १५  दिनों के लिए  पर एक बड़ा मेला  इसके मेढ पर आयोजित किया जाता है |

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