यह क्यों कहा गया है कि महतव मूर्ति के रूप रंग कद का नहीं उस भावना का है। पाठ नेताजी का चश्मा के आधार पर बताइए।
Answers
Explanation:
कयोकी नेता जी की Murthiपर चसमा नही था कसबे मे एक कैपटन नाम के लगडे आदमी के मन मै आदर और प्रेम था बिना चसमे की Moorthyअच्छी नही लगी इसलिए Moorthyको चसमा लगा दिया
प्रशन:- यह क्यों कहा गया है कि महतव मूर्ति के रूप रंग कद का नहीं उस भावना का है। पाठ नेताजी का चश्मा के आधार पर बताइए।
उत्तर :- महत्व मूर्ति के रंग-रूप या कद का नहीं, उस भावना का है, जिस भावना से मूर्ति का निर्माण हुआ था। ‘नेताजी का चश्मा' पाठ में शहर के मुख्य बाज़ार के मुख्य चौराहे पर नेताजी सुभाषचंद्र की मूर्ति लगाई गई थी। मूर्ति संगमरमर की थी। दो फुट ऊँची, फ़ौजी वर्दी में नेताजी सुंदर लग रहे थे। मूर्ति को देखते ही 'दिल्ली चलो' और 'तुम मुझे खून दो... याद आने लगते थे । वास्तव में यह नगरपालिका द्वारा सफल एवं सराहनीय प्रयास था। इस मूर्ति में एक ही कमी थी। नेताजी का चश्मा नहीं बनाया गया था। रियल चश्मा पहनाकर कैप्टन ने इस कमी को भी पूरा कर दिया था। वास्तव में महत्त्व मूर्ति के कद या रंग रूप का नहीं था, उसके पीछे छिपी भावना का था इस मूर्ति के माध्यम से लोगों में देश प्रेम और देशभक्ति की भावना पैदा हो रही थी तथा नेताओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान जागृत हो रहा था, वह सबसे अमूल्य एवं महत्त्वपूर्ण था।