Hindi, asked by lalimachaudhary2612, 6 months ago

यह लघु सरिता का बहता जल।।
कितना शीतल, कितना निर्मल,
हिमगिरि के हिम से निकल-निकल।
यह विमल दूध-सा हिम का जल,
कर-कर निनाद कल-कल, छल-छल।
तन का चंचल, मन का विह्वल,
यह लघु सरिता का बहता जल।।​

Answers

Answered by bhatiamona
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संदर्भ – ‘यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘सरिता’ नामक पाठ से लिया गया है। यह गोपाल सिंह ‘नेपाली’ द्वारा लिखा गया है|

प्रसंग – इस कविता में कवि ने नदी की विशेषताओं का वर्णन किया है।

भावार्थ – कवि ने इस पद्यांश नदी से बहता हुआ जल के बारे में बताया है| छोटी सी नदी का बहता हुआ जल कितना ठंठा और स्वस्छ है| हिमालय से बहता हु यह पानी दूध जैसा स्वच्छ,निर्मल है| यह जल कल-कल की ध्वनी का गान सुनाता है| यह शरीर की चंचल करता है| मन की लगन को प्रदर्शित करता है| यह छोटी नदी का जल बह रहा है बहुत स्वच्छ है|

Answered by jitenderthakur34
21

hope it helps u lot mark as brainliest pls give thanks. . . . .

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