Hindi, asked by madhumitagour304, 2 months ago

यह मनुज ज्ञानी , शृंगालों , कूकरों से हीन हो , किया करता अनेकों क्रूर कर्म मलिन। देह ही लड़ती नहीं , हैं जूझते मन - प्राण ,  साथ होते ध्वंस  में इसके कला - विज्ञान ।  इस मनुज के हाथ से विज्ञान के भी फूल ,  वज्र हो कर छूटते शुभ धर्म अपना भूल । ​

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Answered by BGMI005
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यह मनुज ज्ञानी , शृंगालों , कूकरों से हीन हो , किया करता अनेकों क्रूर कर्म मलिन। देह ही लड़ती नहीं , हैं जूझते मन - प्राण ,  साथ होते ध्वंस  में इसके कला - विज्ञान ।  इस मनुज के हाथ से विज्ञान के भी फूल ,  वज्र हो कर छूटते शुभ धर्म अपना भूल । 

Answered by gouri031
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हिंदी अर्थ व्याख्या सहित

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