Hindi, asked by archnanamdev821, 8 months ago

यह तो होता ही है कि जब बड़े काम किए जाते हैं उनमें ना कामयाबी भी होती है कामयाबी भी होती है मगर हम सब शरीर रहे कामयाबी की खुशी में भी और ना कामयाबी के दुख मैं भी (इसकी संदर्भ और प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए )​

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Answered by bhatiamona
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यह तो होता ही है कि जब बड़े काम किए जाते हैं उनमें ना कामयाबी भी होती है कामयाबी भी होती है मगर हम सब शरीर रहे कामयाबी की खुशी में भी और ना कामयाबी के दुख मैं भी (इसकी संदर्भ और प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए )​

संदर्भ -यह गद्यांश मेरी वसीयत पाठ से लिया गया है |  

प्रसंग- प्रस्तुत गद्यांश में नेहरूजी ने अनुकूल एवं प्रतिकूल में दोनों परिस्थितियों में रहने के बारे मे बताया गया है |

व्याख्या- नेहरू जी अपने सहयोगियों  के साथ बिताए हुए दिनों को याद करते है ,ओर कहते है कि , जब हम बड़े काम के लिए सब मिलकर बहुत मेहनत करते थे | कभी-कभी हमें मेहनत के  का फल मिल जाता था ओर कई बार हमें असफलता प्राप्त होती थी | हमें असफलता के समय में सफलता की मेहनत के खुशी के पल को याद करना चाहिए | खुशी के पलों को  हमेशा याद  रखना चाहिए |

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