"Yaha toh kisi kanoon mei nahi likha hai huzur ki aadamkhor janvar hume kat khaye aur hum unhe bardasht karte rahe. Agar har koi isi tarah kat khana shuru kar de toh yaha zindagi toh narak ho jaye" Artha spasth kijiye(in 80 to 100 words)
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Hy dear your answer is here,
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अर्थ:-
इन लाइनों का यह अर्थ है कि जिस प्रकार आदमखोर जानवर हमें काट लेते हैं और हमने कुछ नहीं कहते| अगर हम भी उन्हें काटने लगे तो उन्हें हमें फर्क ही क्या रह जाएगा|
संक्षेप में:-
जानवरों को इतनी समझ नहीं होती कि किसे काटना है और किसे नहीं क्योंकि वह बोल नहीं सकते और ना ज्यादा समझ सकते हैं परंतु मनुष्य समझ सकते हैं| इसलिए किसी भी आदमखोर जानवर के काटने पर वह उसे पर पलटकर नहीं काटते क्योंकि अगर मनुष्य ही जानवर को काटने लगे तो फिर उनमें और हमें फर्क ही क्या रह जाएगा| "अगर मनुष्य ऐसा करने लगे तो उनका जीवन नर्क बन जाएगा" अर्थार्थ ऐसा करने से मनुष्य भी जानवर बन जाएगा जो किसी नर्क से कम नहीं|
Hope this will help you.
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If this help you then please mark it as brainliest......
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Thank You...
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