Hindi, asked by kusumlatasingh21067, 6 months ago

yamak अलंकार के udahran? ​

Answers

Answered by Ananyaanu22
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Answer:

यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण :

बरजीते सर मैन के, ऐसे देखे मैं न हरिनी के नैनान ते हरिनी के ये नैन। तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान। तू मोहन के उर बसी ह्वे उरबसी सामान। जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं।

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Answered by shaktisrivastava1234
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☆प्रश्न:

यमक अलंकार के उदाहरण ।

☆उत्तर:

यमकलंकार के उदाहर:

  • कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।।

इस पद्य में ‘कनक’ शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है। प्रथम कनक का अर्थ ‘सोना’ और दुसरे कनक का अर्थ ‘धतूरा’ है। अतः ‘कनक’ शब्द का दो बार प्रयोग और भिन्नार्थ के कारण उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार की छटा दिखती है।

  • माला फेरत जग गया, फिरा न मन का फेर। कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।

ऊपर दिए गए पद्य में ‘मनका’ शब्द का दो बार प्रयोग किया गया है। पहली बार ‘मनका’ का आशय माला के मोती से है और दूसरी बार ‘मनका’ से आशय है मन की भावनाओ से।अतः ‘मनका’ शब्द का दो बार प्रयोग और भिन्नार्थ के कारण उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार की छटा दिखती है।

  • कहै कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराई लीनी

जैसा की आप देख सकते हैं की ऊपर दिए गए वाक्य में ‘बेनी’ शब्द दो बार आया है। दोनों बार इस शब्द का अर्थ अलग है।पहली बार ‘बेनी’ शब्द कवि की तरफ संकेत कर रहा है। दूसरी बार ‘बेनी’ शब्द चोटी के बारे में बता रहा है। अतः उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार है।

  • काली घटा का घमंड घटा।

ऊपर दिए गए वाक्य में आप देख सकते हैं की ‘घटा’ शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है। पहली बार ‘घटा’ शब्द का प्रयोग बादलों के काले रंग की और संकेत कर रहा है।दूसरी बार ‘घटा’ शब्द बादलों के कम होने का वर्णन कर रहा है। अतः ‘घटा’ शब्द का दो बार प्रयोग और भिन्नार्थ के कारण उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार की छटा दिखती है।

  • तीन बेर खाती थी वह तीन बेर खाती है।

जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं ‘बेर’ शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है। पहली बार तीन ‘बेर’ दिन में तीन बार खाने की तरफ संकेत कर रहा है तथा दूसरी बार तीन ‘बेर’ का मतलब है तीन फल।अतः ‘बेर’ शब्द का दो बार प्रयोग और भिन्नार्थ के कारण उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार की छटा दिखती है।

  • ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी।ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती है।।

जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं यहां ऊँचे घोर मंदर शब्दों की दो बार आवृति की जा रही है। यहाँ दो बार आवृति होने पर दोनों बार अर्थ भिन्न व्यक्त हो रहा है। हम जानते हैं की जब शब्द की एक से ज़्यादा बार आवृति होती है एवं विभिन्न अर्थ निकलते हैं तो वहाँ यमक अलंकार होता है।

  • माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर।कर का मनका डारि दै, मन का मनका फेर।।

जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, यहां मन का शब्द की एक से अधिक बार आवृति हो रही है। पहली बार ये शब्द हमें हमारे मन के बारे में बता रहे हैं और दूसरी बार इस शब्द की आवृति से हमें माला के दाने का बोध हो रहा है। हम जानते हैं की जब शब्द की एक से ज़्यादा बार आवृति होती है एवं विभिन्न अर्थ निकलते हैं तो वहाँ यमक अलंकार होता है।अतः यह उदाहरण यमक अलंकार के अंतर्गत I

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