yamak
Alankar ke 10 example
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tell meplzzzzzzzzzzzz
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tell me
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किसी सोच में हो विभोर साँसें कुछ ठंडी खींची।
कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।।
फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मींचीं।।
केकी-रव की नूपुर-ध्वनि सुन, जगती जगती की मूक प्यास।
बरजीते सर मैन के, ऐसे देखे मैं न हरिनी के नैनान ते हरिनी के ये नैन।
ऊँचे घोर मंदर के अंदर रहनवारी
ऊँचे घोर मंदर के अंदर रहाती हैं।
कंद मूल भोग करें कंदमूल भोग करें
भूखन सिथिल अंग, भूखन सिथिल अंग
बिजन डोलाती ते बे बिजन डोलाती हैं।
तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान।
तू मोहन के उर बसी वै उरबसी समान।
जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं।
उसे खोजता कहाँ नादान?
पास ही रे! हीरे की खान
काली घटा का घमंड घटा।
कहै कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराई लीनी।
तीन बेर खाती ते बे तीन बेर खाती हैं।
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