यमक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित बताइए।
उपमा अथवा रूपक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित बताइए।
उत्प्रेक्षा अथवा श्लेष अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित बताइए।
मानवीकरण अथवा अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित बताइए।
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यमक अलंकार
जिस प्रकार अनुप्रास अलंकार में किसी एक वर्ण की आवृति होती है उसी प्रकार यमक अलंकार में किसी काव्य का सौन्दर्य बढ़ाने के लिए एक शब्द की बार-बार आवृति होती है। दो बार प्रयोग किए गए शब्द का अर्थ अलग हो सकता है । जैसे:
काली घटा का घमंड घटा।
उपमा अलंकार
उप का अर्थ है समीप से और पा का अर्थ है तोलना या देखना । अतः जब दो भिन्न वस्तुओं में समानता दिखाई जाती है, तब वहाँ उपमा अलंकार होता है । जैसे:कर कमल-सा कोमल है ।
श्लेश अलंकार
एक ही शब्द के कई अर्थ निकलते हैं तो वहां स्लेश अलंकार होता है ध्यान रखने योग्य बात यह है कि यमक के शब्द आवृत्ति होती है और एकाधिक अर्थ होते हैं जबकि प्लेस में बिना शब्द की आवृत्ति ही शब्द के एकाधिक अर्थ होते हैं।
अतिशयोक्ति अलंकार
जहां प्रस्तुत व्यवस्था का वर्णन कर उसके माध्यम से किसी अप्रस्तुत वस्तु को व्यंजना की जाती है वहां और अतिशयोक्ति अलंकार होता है।
जहां किसी वस्तु का वर्णन बढ़ा चढ़ाकर किया जाए वहां अतिशयोक्ति अलंकार होता है ।
जैसे – हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आगि, लंका सिगरी जल गई ,गए निशाचर भागी।।