Hindi, asked by MansiRaj1235, 8 months ago

यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा शास्त्रं तस्य करोति किम्।
लोचनाभ्यां विहीनस्य दर्पण: किं करिष्यति।।
हिंदी अर्थ बताओ​

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Answered by at8620280
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Answer:

संस्कृत श्लोक "यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा, शास्त्रं तस्य करोति किं। लोचनाभ्याम विहीनस्य, दर्पण:किं करिष्यति।।" का क्या अर्थ होता हैं? यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा शास्त्रं, तस्य करोति किम। भावार्थ — जिसके पास अपनी स्वयं की बुद्धि नहीं है, अपना स्वयं विवेक नहीं है, उसकी कोई शास्त्र भी भला क्या मदद कर सकता है ।

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