यशोधर बाबू अपने ही घर में पूरी तरह से असहाय हो चुके हैं सिद्ध करें
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यशोधर बाबू अपने ही घर में पूरी तरह से असहाय हो चुके हैं सिद्ध करें
यशोधर बाबू सिल्वर वेडिंग कहानी के पात्र है | सिल्वर वेडिंग कहानी मनोहर श्याम जोशी द्वारा लिखी गई है| कहानी में आधुनिकता की पर ओर बढ़ते हुए समाज और दूसरी मनुष्य को मनुष्य के प्रति दिखावा और स्वार्थ के बारे में वर्णन किया है|
यशोधर बाबू अपने ही घर में पूरी तरह से असहाय हो चुके क्योंकि यशोधर बाबू समय के अनुसार ढलें नहीं थे | वह अपनी पुरानी सोच के साथ चलमना चाहते थे | उनके घर के सभी सदस्यों ने समय के अनुसार अपनी सोच बदल ली थी , वह नई सोह के साथ अपना जीवन में आगे बढ़ रहे थे |
समय के साथ न ढलने वाले यशोधर बाबु समय के साथ नहीं ढल वाले नहीं थे| वह पुरानी सोच के साथ चलने वाले थे| वह समय के साथ आगे बढ़ने वाले नहीं थे| वह नई सोच को अपना नहीं अपना पाए न ही वह अपने बच्चों को अपना पाए |
वह रूढ़िवादी विचार के थे| उन्हीं पुरानी बातें , पुरानी परम्पराएँ , पुराने रीति-रिवाज अच्छे लगते थे| वह संयुक्त परिवार प्रथा में विश्वास रखते थे | वह स्वयं या पैदल चलते थे | वह साइकिल में दफतर जाते थे| उन्हें घर में पार्टी करना कुछ पसंद नहीं था |
इस तरह यशोधर बाबू अपने ही घर में असहाय हो चुके थे , क्योंकि वह अपनी पुरानी सोच के साथ जीवन जी रहे थे |