यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों ?
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यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों ?
यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते क्योंकि उनकी पत्नी समय के साथ बदलने और नई सोच रखती थी | बच्चों के साथ के हिसाब से चलना और रहना थी| दूसरी तरफ़ यशोधर बाबू समय के साथ नही बदलना चाहते थे वह परिवार में पुराने रिवाज़ और परम्पराओं के साथ जीना चाहते थे को की आज के समय में बच्चों को पसंद है|
यशोधर बाबू की पत्नी समय को अच्छी तरह पहचानती हैं। वह जानती है कि बच्चों की सहानुभूति तभी प्राप्त की जा सकेगी जब बच्चों की सोच के अनुसार चला जाए। व्यवहार भी यही कहता है। अब वह बेटी के कहने के हिसाब से कपड़े पहनती है। वह बेटों के मामले में भी दखल नहीं देती।
यशोधर बाबू स्वयं को बदल नहीं पाते। वह सदैव अपनी सोच में रहते थे| वह सिद्धांतवादी हैं। इस कारण वे परिवार के सदस्यों से तालमेल नहीं बिठा पाते। यशोधर बाबू पार्टीबाजी, फैशन, अच्छे मकान में रहना आदि को पसंद नहीं करते। वे आधुनिक भौतिक वस्तुओं को बंधन मानते हैं। अंत में, उन्हें परिस्थितियों से समझौता करना पड़ता है।
Explanation:
यशोधर बाबू की पत्नी समय के सेंडल सपने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं ऐसा क्यों ?????????
उत्तर =यशोधर बाबू की पत्नी सुशील समझदार एवं आधुनिक समय के नए नए विचारों में डालना चाहती रेबारी ज्ञान भी हम यही सिखाता है कि हमें समय रहते अपने आपको डाल लेना चाहिए जिससे हमारे बच्चे हमें मित्र के रुप में समझें और यशोधर बाबू अपने परंपरागत सिद्धांतों पर ही चलना चाहते थे उन्हें आज की पड़ी कि नहीं सो ढकोसला लगती थी अतः मैं अपने और अपने परिवार के बीच अच्छा तालमेल नहीं बिठा पा तेरे खाते पर चले जाते हैं
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