Hindi, asked by amritapandey2502, 9 months ago

यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल
रहते हैं। ऐसा क्यों?​

Answers

Answered by ishu4523
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Answer:

यशोधर बाबू ने जो सीखा वह किशनबाबू से सीखा है। उन पर उनका खासा प्रभाव है। वह किशनबाबू की हर बात को सही मानते हैं। उनके लिए किशनबाबू उनके आदर्श हैं। यशोधर बाबू किशनबाबू के साथ स्वयं को सहज मानते हैं। अपने आसपास जो बदलाव हो रहे हैं उनके प्रति उनका स्वभाव बहुत ही संकीर्ण हो जाता है। किशनबाबू की जीवन शैली को वह उचित मानते हैं और उसमें किसी तरह के बदलाव को आने नहीं देते हैं। यशोधर बाबू यह नहीं समझते हैं कि किशनबाबू एकाकी जीवन व्यतीत करते थे। अतः उनकी जो जीवन शैली थी, उसमें कभी कोई बाधक नहीं हो सकता था। आसपास होने वाले बदलावों का उन पर कभी प्रभाव नहीं पड़ा। किशनबाबू के साथ ऐसा नहीं था। उनका अपना भरा-पूरा परिवार था। उनके बच्चे आसपास हो रहे बदलाव का सबसे बड़ा प्रतीक हैं। उन्हें बदलने की आवश्यकता थी मगर किशनबाबू के संस्कारों को ग्रहण करने के कारण वह स्वयं को असहज महसूस करते हैं। इसके विपरीत यशोधर बाबू की पत्नी के जीवन में किसी भी व्यक्ति का प्रभाव नहीं था। उनका अपना व्यक्तित्व और अपनी सोच थी। अतः अपने आस-पास हो रहे बदलावों को वह समझ पाती है और समय के साथ तेज़ी से ढल सकने में सफल हो जाती है।

Answered by Anonymous
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Explanation:

यशोधर बाबू की पत्नी सुशील समझदार थी वह आधुनिक चमक मैंने विचारों में डालना चाहती थी वह वाली ज्ञान भी हमें यही सिखाता है कि हमें समय के अनुसार अपने आप को डाल लेना चाहिए जिससे हमारे बच्चे हमें मित्र के रुप में समझे पर यशोधर बाबू अपने परंपरागत सिद्धांतों पर ही चलना चाहते थे उन्हें आज की पीढ़ी की नई शुद्ध कुचला लगती थी अतः अपने और अपने परिवार के बीच परस्पर संबंध तालमेल नहीं बिठा पाते और एक हाभारतीय पद्धति पर चले जाते हैं

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