यत्र जीव तत्र शिव: हिंदी में अनुवाद कीजिए
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sabhi jivo m bhagwan h shiv unke palan haar hai
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उत्तर:तत्र सर्वत्र संस्कृत के तीन शब्दों से मिलकर बना है पहला शब्द है अत्र अर्थात यहाँ, दूसरा शब्द है तत्र अर्थात वहाँ और तीसरा शब्द है सर्वत्र अर्थात हर जगह। इस प्रकार अत्र तत्र सर्वत का सयुंक्त अर्थ निकलता है "यहाँ वहाँ हर जगह" अर्थात वो जो हर जगह विद्यमान हो।
व्याख्या:शिवम का एक अर्थ ‘कल्याण’ होता है और इसका पूरक शक्ति है। इसलिए शक्ति की प्रतीक पार्वती को शिव की अद्र्धांगिनी दिखाया गया है। शक्ति प्रकृति हैं और शिव पुरुष। दोनो के तद्ज्जन्य से चर-अचर, जड़-चेतन के उद्भव की कल्पना की गयी है। शिव का एक रूप अर्द्धनारीश्वर है जिसकी कल्पना प्रकृति और पुरुष या नर और नारी में अभेद प्रकट करने के लिए की गयी है।
व्याख्या:शिवम का एक अर्थ ‘कल्याण’ होता है और इसका पूरक शक्ति है। इसलिए शक्ति की प्रतीक पार्वती को शिव की अद्र्धांगिनी दिखाया गया है। शक्ति प्रकृति हैं और शिव पुरुष। दोनो के तद्ज्जन्य से चर-अचर, जड़-चेतन के उद्भव की कल्पना की गयी है। शिव का एक रूप अर्द्धनारीश्वर है जिसकी कल्पना प्रकृति और पुरुष या नर और नारी में अभेद प्रकट करने के लिए की गयी है।
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