यदि आप अपने ग्राम के प्रधान होते तो आप इस महामारी के समय अपने गांव वालों की क्या मदद करते
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कोरोना वायरस से लड़ने की जंग में नई-नई तस्वीरें सामने आ रही हैं। टांडा तहसील के बिहरई ग्राम पंचायत के प्रधान ने गांव में अघोषित कर्फ्यू लगा दिया है। गांव वासियों के साथ मिलकर प्रधान ने सभी रास्तों को बांस-बल्ली लगाकर सील कर दिया है।
सभी रास्तों पर पोस्टर लगाकर दोस्तों से लेकर रिश्तेदारों तक का गांव में आना प्रतिबंधित कर दिया गया है। ग्राम प्रधान के नेतृत्व में हर रास्ते पर दो-दो युवक लाठी के साथ पहरा दे रहे हैं । ग्रामीणों ने कहा कि सभी व्यक्ति स्वस्थ व सुरक्षित रहेंगे तभी रिश्तेदारी व दोस्ती भी काम आएगी।
इस गांव में बाहरी व्यक्तियों का आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया है। गांव में आने वाले सभी रास्तों पर बाकयदा बांस बल्ली व कटीले पेड़ लगा दिए गए हैं। कोई भी बाहरी व्यक्ति गांव में प्रवेश न कर पाए, इसके लिए सभी मार्गों पर सार्वजनिक सूचना भी चस्पा कर दी गई है। दोस्तों व रिश्तेदारों तक गांव में आना प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ ही कोई भी ग्रामीण अनावश्यक कार्य से घर से बाहर न निकले। इसका भी प्रबंध किया गया है।
गांव में बाकायदा युवकों की ड्यूटी लगाकर निगरानी कराई जा रही है। ग्रामीणों द्वारा इसका तत्परता के साथ पालन भी किया जा रहा। बीच-बीच में ग्राम प्रधान आलोक वर्मा स्वयं इस व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।
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'जरूरत का सामान लोगों से बात कर खुद घर पहुंचाया जा रहा है'
अमर उजाला से बात करते हुए आलोक ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए ही यह निर्णय लिया गया है। इसका पालन सुनिश्चत कराया जा रहा है। हर रास्ते पर दो-दो युवक को लाठी के साथ पहरा पर लगाया गया है।
दोस्तों व रिश्तेदारों को गांव में आने से इसलिए रोका गया है कि क्योंकि जब व्यक्ति जिंदा रहेगा तभी दोस्ती व रिश्तेदारी काम आएगी। आलोक ने बताया कि ग्रामीणों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई गई है, लेकिन उनकी जरूरत का सामान उनसे वार्ता कर उनके घर पर ही पहुंचाया जा रहा है। गांव को सैनिटाइज करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। चूने के साथ ही ब्लीचिंग का भी छिड़काव लगातार कराया जा रहा है।
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