यदि आप बाबू चैतन्यदास के स्थान पर होते तो आपका क्या व्यवहार होता? - kahani putra prem
Answers
Answered by
3
Answer:
भारतीय समाज में परिवार का विशेष महत्त्व है। बाबू चैतन्यदास शहर के जाने-माने वकील थे जिन्होंने अर्थशास्त्र खूब पढ़ा था । उनका स्पष्ट मानना था कि यदि खर्च करने के बाद स्वयं का या किसी दूसरे का उपकार नहीं होता है तो वह खर्च व्यर्थ है और उसे नहीं करना चाहिए।
Similar questions