यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर पुस्तिका में लिखिए कि आप प्रश्न संख्या में दिए गए गद्यांश-2 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं। नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए।
बड़ा बनने के लिए हमें विशाल काम करने की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि प्रत्येक काम में विशालता के चिह्न खोजने पड़ते हैं। अपने अंतर्मन में सदैव जिज्ञासा को जन्म देना होता है। दुनिया में ज्ञान का जो बोलबाला है, उसमें हमारे कौतूहल की केंद्रीय भूमिका है। अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक बार अपने साक्षात्कार में कहा था कि हमारी जिज्ञासा ही हमारे
अस्तित्व का आधार है। बिना प्रश्न के हमारे जीवन में न गति आएगी और न कोई रस होगा जब हम चिंतन करते हैं, तब नई बातें सामने आती है। सवाल करने का ही परिणाम है कि नई तकनीक ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी चीजें आज दुनिया में आ रही हैं। जब हम कहते हैं क्यों, कैसे, क्या, तब हमारे अंदर की स्नायु प्राण ऊर्जा और संकल्प एक नई गति और उत्साह के साथ नवीनता की यात्रा करने लगते हैं।
हमें इस दुनिया की इतनी आदत पड़ चुकी है कि लीक से हटकर सोचना नहीं चाहते। कोई विभिन्नता नहीं, न ही कोई नवीनता है। यह कैसा जीवन है, जिसमें कोई कौतूहल नहीं कोई आश्चर्य नहीं? इस जगत में हमारी स्थिति एक कीटाणु या विषाणु की तरह है, जो अपनी सुखमयी व्यवस्था में पड़े रहते हैं। लेकिन जो स्वतंत्र होते हैं, वे हृदय की आवाज सुनते हैं। जो बड़ा होना चाहते हैं, इस दुनिया और इसकी प्रत्येक घटना, वस्तु एवं स्थिति पर अपना आश्चर्य प्रकट करते हैं। प्रत्येक घटना और वस्तु से परे हटकर सोचने और उसको देखने की कोशिश जो करते हैं, यही बड़ा बनते हैं। जिज्ञासु मन और बुद्धि ही दर्शन और विज्ञान की दुनिया बनाते हैं।
लीक से हटकर सोच को विकसित करने के लिए आवश्यक है
(क) सुखमय व्यवस्था
(ख) हृदय की आवाज़ सुनना
(ग) अंतर्मन में सदैव जिज्ञासा
(घ) दर्शन और विज्ञान की दुनिया
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लीक से हटकर सोच को विकसित करने के लिए आवश्यक है
(क) सुखमय व्यवस्था
(ख) हृदय की आवाज़ सुनना
(ग) अंतर्मन में सदैव जिज्ञासा
(घ) दर्शन और विज्ञान की दुनिया
इसका सही जवाब है :
(ग) अंतर्मन में सदैव जिज्ञासा
व्याख्या :
लीक से हटकर सोच को विकसित करने के लिए अंतर्मन में सदैव जिज्ञासा आवश्यक है |बड़ा बनने के लिए हमें विशाल काम करने की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि प्रत्येक काम में विशालता के चिह्न खोजने पड़ते हैं। अपने अंतर्मन में सदैव जिज्ञासा को जन्म देना होता है। हमारी जिज्ञासा ही हमारे अस्तित्व का आधार है।
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