यदि आप मानव संसाधन मंत्रालय में होते तो मानव संसाधन को और बेहतर बनाने के लिए क्या-क्या करते?
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संगठनों में प्रमुख कर्मचारियों और आकस्मिक कार्यबल, दोनों की कुशलता/तकनीकी योग्यता, क्षमता, लचीलापन इत्यादि के विश्लेषण के लिए वर्तमान और भविष्य की संगठनात्मक आवश्यकताओं का निर्धारण महत्वपूर्ण है।
इस विश्लेषण में आंतरिक तथा बाह्य कारकों, जिनका संसाधनों की खोज, विकास, प्रेरणा तथा कर्मचारियों तथा अन्य वर्करों के संरक्षण पर प्रभाव पढ़ सकता है, की आवश्कता पड़ती है। बाह्य कारकों में संगठन के नियंत्रण से बाहर के कारक और दूसरे मुद्दे जैसे आर्थिक वातावरण, श्रमिक बाज़ार के वर्तमान तथा भविष्य के ट्रेंड जैसे कि कुशलता, शिक्षा का स्तर, उद्योगों में सरकारी निवेश इत्यादि आते हैं। दूसरी ओर आंतरिक प्रभाव मुख्यतः संगठन के नियंत्रण में होते हैं ताकि लक्ष्य के निर्धारण की भविष्यवाणी तथा उसका अवलोकन किया जा सके। उदाहरण के लिए - संगठन की संस्कृति का पता प्रबंधन व्यवहार (या शैली), पर्यावरण और जलवायु, तथा कारपोरेट की नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति दृष्टिकोण से चलता है।
प्रमुख प्रवृतियाँ
व्यापारिक माहौल में कोई संगठन कैसे संचालित होता है, जानने के लिए तीन प्रमुख प्रवृत्तियों पर विचार किया जाना चाहिए:
जनसांख्यिकी - एक जनसंख्या की विशेषताएं / कर्मचारियों, उदाहरण के लिए, उम्र, लिंग या सामाजिक वर्ग. इस प्रकार की प्रवृति का प्रभाव पैंशन देने तथा बीमा योजनाओं आदि पर पड़ सकता है।
विविधता - जनसँख्या/कार्यस्थल में अंतर. समाज में परिवर्तनों से अभिप्राय है कि आज से तीस साल पहले की तुलना में संगठनों का एक बड़ा हिस्सा पुरानी पीढ़ी या पुराने कर्मचारियों से मिल कर बना है। "कार्यस्थल की विविधता" से पारम्परिक अधिवक्ता
एक कर्मचारी की तरह कार्य करता है जो कि समाज के ढांचे जैसे कि जात पात, लिंग, लैंगिक झुकाव आदि की सीमा का प्रतिबिम्ब है।
कौशल और योग्यता - चूंकि उद्योग हाथ से काम करने के बजाए अधिक प्रबंधकीय व्यवसायों की ओर झुक रहे हैं इसलिए अत्यधिक कुशल स्नातकों की आवश्कता भी बढ़ रही है। अगर बाजार "तंग" है (अथार्त नौकरियों के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं है), तो नियोक्ताओं में कर्मचारियों को लुभाने के लिए वित्तीय इनाम, सामुदायिक निवेश आदि देने के लिए मुकाबला होगा।
व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएं संपादित करें
श्रमिक बाजार में बदलावों के बाद क्या व्यक्तिगत प्रतिक्रिया होती है, इसे जानने के लिए निम्नलिखित को समझने का प्रयास करना चाहिए:
भौगोलिक विस्तार - काम व्यक्ति विशेष से कितनी दूरी पर है? वेतन की पेशकश किये जाने के समय काम के लिए तय की जाने वाली दूरी का ध्यान रखा जाना चाहिए तथा इसके अलावा परिवहन के साधन तथा क्षेत्र का ढांचा भी यह निर्णय लेने में एक प्रभावी कारक होगा कि इस पद के लिए किसे आवेदन करना चाहिए।
व्यावसायिक संरचना - एक संगठन के भीतर विभिन्न कार्यों के लिए निर्धारित मानक तथा मूल्य महोनी ने 1989 में व्यावसायिक संरचना के 3 विभिन्न प्रकार विकसित किए जो थे क्राफ्ट (व्यवसाय के प्रति वफादारी), संगठन कैरियर (फर्म के माध्यम से प्रमोशन) तथा बिना संरचना के (जरूरत के अनुसार कम/अकुशल श्रमिकों को काम के लिए रखना).
पीढ़ीगत अंतर - विभिन्न आयु वर्ग के कर्मचारियों की कुछ विशेषताएं हैं, उदहारण के लिए संगठन में उनका व्यवहार और उनकी अपेक्षाएं.
ढांचा
मानव संसाधन विकास एक संगठन के भीतर (नए तौर तरीकों से), एक नगर पालिका, क्षेत्र या राष्ट्र में मानव पूंजी के विस्तार के लिए एक ढांचा है। मानव संसाधन विकास पर्याप्त स्वास्थ्य और रोजगार नीतियों के साथ प्रशिक्षण और शिक्षा का एक संयोजन है, जो व्यक्ति विशेष, संगठन तथा राष्ट्र की साधन सम्पन्नता में लगातार सुधार तथा विकास सुनिश्चित करता है। एडम स्मिथ के शब्दों में "व्यक्तियों की क्षमताएं उनकी द्वारा ली गयी शिक्षा के उपयोग पर निर्भर करती है।" मानव संसाधन विकास मोटे तौर पर प्रशिक्षण तथा सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने वाले माहौल को नियंत्रित करने का माध्यम है। मानव संसाधन विकास एक परिभाषित वस्तु नहीं है अपितु व्यवस्थित प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला है, "जिसका विशेष उद्देश्य सीखना है" (नेडलर,1984). एक राष्ट्र के सन्दर्भ में, यह स्वास्थ्य, शिक्षा तथा रोज़गार के बीच एक योजनाबद्ध दृष्टिकोण बन जाता है।
संरचना
मानव संसाधन विकास एक संरचना है जो संगठन के, या राष्ट्र के लक्ष्यों को संतोषजनक ढंग से पूरा करने के साथ व्यक्ति विशेष के विकास की अनुमति देता है। व्यक्ति के विकास से व्यक्ति विशेष तथा संगठन दोनों, या राष्ट्र और उसके नागरिकों को लाभ होगा। कॉर्पोरेट दृष्टिकोण के अनुसार, मानव संसाधन ढांचा कर्मचारी को उद्योग की संपत्ति (एस्सेट) की तरह देखता है जिसकी कीमत विकास के साथ बढ़ती है। "इसका प्राथमिक ध्यान विस्तार तथा कर्मचारी का विकास है।..यह व्यक्ति की क्षमता और कौशल विकसित करने पर जोर देता है" (एल्वुड, ओल्टों व ट्रोट 1996). इस प्रक्रिया में मानव संसाधन विकास का अर्थ वाँछित परिणाम पाने के उद्देश्य से समूह प्रशिक्षण, व्यवसायिक पाठ्यक्रम या व्यक्ति विशेष के प्रदर्शन के विकास के लिए वरिष्ठ कर्मचारियों द्वारा प्रशिक्षण या सलाह हो सकता है। एक राष्ट्रीय नीति के स्तर पर, राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए यह एक व्यापक रचनात्मक योगदान हो सकता हैl
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