यदि आप प्रधानमंत्री मंत्री होते तो आप क्या करते
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यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो सबसे पहले शिक्षा के विभिन्न प्रकार, स्तर और वर्ग को खत्म करके शिक्षा क्षेत्र में भारी सरकारी निवेश करके हर गाँव और शहर के स्कूलों का एक स्तर बना कर पूरे देश में एक ही प्रकार की शिक्षा प्रदान करता। इंटरनेट के माध्यम से हर विद्यार्थी को जोड़ कर नयी तकनीकी का लाभ सभी विद्यार्थयों को दिलाता। शिक्षकोंं को वैज्ञानिकों के स्तर पर वेतन देकर हर बच्चे को मैट्रिक के स्तर तक पहुुँचने पर प्रत्येक विषय पर इतना सक्षम बनाने की कोशिश करता कि देश के एक भी मेधा के लाभ से देश वंचित नहीं होता। सौ प्रतिशत बच्चों को शिक्षा देता.
देश में भ्रष्टचार तो पूरी तरह से खत्म करने के लिए कठोर नीतियाँ और कानून बनाता और १००० रूपये से अधिक का भ्रष्टाचार करने के लिए प्रति हजार भ्रष्टाचार पर एक महीने की सजा तय करता। मतलब जो दस हजार का भ्रष्टाचर करेगा, उसे दस माह की जेल की सजा और हमेशा के लिए सरकारी क्षेत्र से सेवा समाप्त। जो लाखों और करोड़ों का भ्रष्टाचार करने की हिम्मत करेगा, वह जिंदगी भर जेल में सड़ेगा।
भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए चोटी के आईटी कंपनियों को लेकर छह महीने में ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार करवाता, जिसे पोलिग्राफ मशीन में इन्स्टाल करके भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे प्रत्येक नागरिक के लिए उसे पास करना अनिवार्य बना देता। नेता, अफसर, जज, और खुद मंत्रिमंडल के मेरे साथियों को भ्रष्टाचार विरोधी पोलिग्राफ मशीन की परीक्षा पास करने के लिए नियम बनवाता और सबसे पहले मैं खुद उस मशीन में बैठ पर अपनी ईमानदारी की परीक्षा पास करता।
मैं प्रधानमंत्री बनने के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान, चीन और तमाम छोटे देशों के साथ युद्ध नहीं करने के लिए और तमाम विवादों को २० वर्षों तक स्थागित करने का समझौता करता।शांत के इस समझौते में अमेरिका, रूस और यूएन को भी जोड़ कर इसे स्थायी बनाता। मैें पड़ोसी देशों के युवा-पीढी और भारतीय युवापीढी के बीच प्रगाढ़ संबंध जिसमें लाखों की संख्या में शादी करनाा भी शामिल हो, करने की नीति अपनाता। इससे एशियाई देशों की बीच में इतनी प्रगाढ़ता आ जाए कि २० वर्षों के बाद आने वाली नयी पीढी विवादों का निपटारा बहुत अासानी और खुले मन से करे।
इस देशों से पूर्ण शांति समझौता हो जाने, उसकी निश्चिचता बढ़ जाने के बाद सुरक्षा पर होने वाले भारी खर्च को विकास पर खर्च करता। इससे देश को प्रति वर्ष ५० विलियन डॉलर अधिक राशि मिलता को देश के विकास की गति को बहुत बढ़ा देता।
हर गरीब परिवार के पास विशेष तौर से तैयार किए गए ढाँचा के अनुसार अपना घर हो, इसके लिए उन्हें सहायता प्रदान करता और घर सही तरीके से बनाया गया है या नहीं उसका पर्यवेक्षण करने, रिपोर्ट करने, समीक्षा करने के लिए सार्वजनिक वर्यवेक्षण समितियाँ बनाता, जो स्थानीय प्रशासन के साथ राष्ट्रीय स्तर के डेटा सेंटर को अपना रिपोर्ट भेजता।
हर परिवार को शिक्षा के साथ रोजगार के अवसर चुनने के लिए विकल्प देने की नीति बनाता और उसे चुनेे गए विकल्प पर आवश्यक पूर्ण प्रशिक्षण देने की नीति का कठोरता से पालन करता।
देश में बढ़ रही आय की खाई को पाटने को प्राथमिकता देता और शोषण आधारिक कार्य मॉडल को बदल देता। देश में उपलब्ध सभी पानी को राष्ट्रीय संपदा घोषित करके पानी के तमाम कारोबार को बंद कर देता और जरूरत के पानी प्राप्त करने के अधिकार को प्राथमिक अधिकार घोषित कर देता। हवा और पानी को दूषित करने को अपराध घोषित कर देता।
किसी भी तरह के पर्यावरण दूषण को रोकने के लिए कठोर नीति बनाता और सौर उर्जा अक्षय उर्जा या वैकल्पिक उर्जा को अनिवार्य अपनाने के लिए कठोर राष्ट्रीय नीति बनाता।
स्थानीय सामाजिक पर्यवेक्षण समितियाँ, जिसे प्रत्येक छह माह के बाद नये सदस्यों से पुनर्गठन किया जाता और जिसकी कमियों और त्रुटियों को बताने के लिए भी प्रतिस्पर्धा समिति बनाता, प्रत्येक क्षेत्र के समग्र विकास की समीक्षा करके उसे स्थानीय प्रशासन तथा उच्च पदस्थ प्रशासन को भेजता।
देश की जनसंख्या को कम करने के लिए नीतियाँ बना कर उसका कठोर पालन कराता। एक बच्चा की नीति के लिए प्रोत्साहन राशि, नौकरी और तमाम सार्वजनिक लाभ के पदों या मौकों पर प्रोत्साहन प्राथमिकता अंक देता। दो बच्चे के बाद अनिवार्य नशबंदी और नशबंदी की नीतियों को तोड़ने पर भारी जुर्माना और जेल की सजा देता।
भीख मांगनाा, मानव तस्करी आदि को दस वर्षीय अपराध घोषित कर देता।