Hindi, asked by vedparkash11569, 8 months ago

यदि आप उधर के स्थान पर होते तो गोपियों के इतने वर्क सुनने के बाद अंत में आप उनसे क्या कहते हैं​

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Answered by borsenirmiti
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Answer:

प्रेम सदा दो पक्षों में होता है। यदि गोपियों ने प्रेम की पीड़ा झेली थी तो श्रीकृष्ण ने उस पीड़ा का अनुभव क्यों नहीं किया? यदि पीड़ा का अनुभव किया था तो वे स्वयं ही योग-साधना क्यों नहीं करने लगे थे? यदि गोपियों के भाग्य में वियोग की पीड़ा लिखी थी तो श्रीकृष्ण ने उन के भाग्य को बदलने के लिए उद्धव को वहाँ क्यों भेजा? किसी का भाग्य बदलने का अधिकार तो किसी के पास नहीं है। यदि श्रीकृष्ण ने गोपियों को योग-साधना का संदेश भिजवाया था तो अन्य सभी ब्रजवासियों, यशोदा माता, नंद बाबा आदि को भी वैसा ही संदेश क्यों नहीं भिजवाया? वे सब भी तो श्रीकृष्ण से प्रेम करते थे।

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