यदि आपको शारीरिक चौनोती का सामना कर रहे किसी मित्र का परिचय लोगो से करवाना हो l तो किन शब्दों मे करपाएंगे
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Heya!☜☆☞⌐╦╦═─
हर किसी के जीवन में कुछ ना कुछ समस्याएं होती ही हैं। किसी के जीवन में छोटी तो किसी के जीवन में बड़ी। कुछ अपनी भौतिक जरूरतों के पूरा ना होने का रोना रोते हैं तो कोई किसी सगे की मृत्यु के शोक में अपना जीवन अथाह अंधकार में रखते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस कारण से आप मुश्किल परिस्थितियों में अपना हौसला खो देते हैं वही आपकी सबसे बड़ी मजबूती भी बन सकती है। दुनिया में ऐसे तमाम उदाहरण हैं जिन्होंने अपना सब कुछ खोने के बाद ही पाया है।
दोस्तों, कुछ खोने पर रोना जायज है लेकिन सिर्फ रोना नाकामयाब लोगों की निशानी है। अगर आपके किसी प्रिय की मृत्यु हो गई है उसका शोक मनाना सही है लेकिन आखिर कब तक?
एक समय के बाद आपको स्वीकार कर ही लेना चाहिए कि नियति के आगे आप बेबस हैं और आपके हाथ में कुछ है तो केवल आने वाला समय। ऐसे समय में वक्त को कोसना आसान है लेकिन इससे हासिल क्या होगा? केवल मानसिक अशांति।
Hope it helps☜☆☞⌐╦╦═─┬─┬ノ( º _ ºノ)
हर किसी के जीवन में कुछ ना कुछ समस्याएं होती ही हैं। किसी के जीवन में छोटी तो किसी के जीवन में बड़ी। कुछ अपनी भौतिक जरूरतों के पूरा ना होने का रोना रोते हैं तो कोई किसी सगे की मृत्यु के शोक में अपना जीवन अथाह अंधकार में रखते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस कारण से आप मुश्किल परिस्थितियों में अपना हौसला खो देते हैं वही आपकी सबसे बड़ी मजबूती भी बन सकती है। दुनिया में ऐसे तमाम उदाहरण हैं जिन्होंने अपना सब कुछ खोने के बाद ही पाया है।
दोस्तों, कुछ खोने पर रोना जायज है लेकिन सिर्फ रोना नाकामयाब लोगों की निशानी है। अगर आपके किसी प्रिय की मृत्यु हो गई है उसका शोक मनाना सही है लेकिन आखिर कब तक?
एक समय के बाद आपको स्वीकार कर ही लेना चाहिए कि नियति के आगे आप बेबस हैं और आपके हाथ में कुछ है तो केवल आने वाला समय। ऐसे समय में वक्त को कोसना आसान है लेकिन इससे हासिल क्या होगा? केवल मानसिक अशांति।
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Anonymous:
thnku
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मित्र का परिचय
Explanation:
- यह मेरी सखी गीता है। यद्यपि प्रकृति ने इसे सुनने की शक्ति से वंचित रखा है पर यह अपने नेत्रों से ही लोगों के द्वारा बोली गई बातों को समझ लेती है।
- कई बार यह वह सब भी समझ लेती है जो हम नहीं समझ पाते। मेरी सखी अपने अपंगता के लिए कभी भी ईश्वर को नहीं कोसती।
- मेरे साथी पढ़ाई लिखाई में बहुत तेज है। हालांकि यह है सुन नहीं सकती लेकिन तब भी यह मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटती। मेरी सखी गीता अपना सारा काम स्वयं करती है और आत्मनिर्भर है।
- मुझे अपनी सखी पर गर्व है।
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अपने सच्चे मित्र के बारेमे निबंध लिखिए|
brainly.in/question/6014545
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