Science, asked by deepak9447, 8 months ago

यदि बिजली का कोई तार किसी के नदी में गिर जाए तो क्या पानी छूने पर हमें करंट लग सकता है? और वह कहा तक अपना करंट छोडेगा।​

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Answered by patelnitin2507
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Answer: सीधी भाषा और अधिक टेक्निकल गहराई न जाकर यदि बात करे तो बिजली का करंट केवल सुचालक माध्यम के द्वारा ही प्रवाहित होता हैं। जिनमे सभी धातुएँ तथा जीवित सभी प्राणी और यहाँ तक कि पानी से गीले कुचालक भी विद्युत प्रवाह के माध्यम बन जाते हैं। पृथ्वी (as a whole) सबसे बड़ा विद्युत सुचालक होती हैं, किन्तु यदि इसकी सुखी मिट्टी की बात करेंगे तो वह कुचालक होती है यहां तक कि पत्थर, घर की सूखी टाइल्स भी।

हम यह भी जानते है कि विद्युत प्रवाह लाइव फेज (L) से न्यूट्रल (N) की तरफ बहता है, इसलिए जब तक यह सर्किट पूरा नहीं हो जाता तब तक करंट नहीं लगता।

यही कारण है कि पक्षी केवल एक तार पर ही बैठते हैं इस कारण विद्युत का सर्किट पूरा नही हो पाता हैं, और इस प्रकार पक्षियों को करंट नही लगता। किंतु आपने देखा होगा कि चमगादड़ पक्षी जो कि उल्टा लटकता है और जैसे ही दोनों तारों के संपर्क में आता हैं वैसे ही उसके शरीर के माध्यम से करन्ट प्रवाहित होना चालू हो जाता हैं और करंट के कारण चमगादड़ की मृत्यु हो जाती हैं। बंदरों में भी करन्ट लगने का यही कारण होता हैं।

इसीलिए बिजली के करन्ट से बचाने में अर्थिंग सिस्टम का बहुत बड़ा योगदान होता हैं। अर्थिंग सिस्टम जोकि सीधा जमीन से जुड़ा रहता हैं। घर मे भी अर्थिंग सिस्टम परफेक्ट रूप से लगा होना चाहिए और घर के सारे उपकरण इस अर्थिंग सिस्टम से जुड़े होना चाहिये जिससे कि बिजली के शॉक (करंट) लगने से बचा जा सके। घर के सारे सॉकेट ( प्लग पॉइंट) 3 पॉइंट वाले हो जिसमें एक आवश्यक रूप से अर्थिंग सिस्टम से जुड़ा हुवा होना चाहिए। हर प्लग पर L मतलब लाइव, N मतलब न्यूट्रल और E मतलब earthing लिखा होता है और यह भी ensure कर ले कि सभी तार अपनी सही जगह पर लगें हुवे हैं।

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