Science, asked by ritusharma130, 3 months ago

यदि बाल अपराध गरीबी के कारण है तो बाल अपराधियों की सहायता किस प्रकार की जा
सकती हैं?​

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Answered by srunjalpawar
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Answer:

जब किसी बच्चे द्वारा कोई कानून-विरोधी या समाज विरोधी कार्य किया जाता है तो उसे किशोर अपराध या बाल अपराध कहते हैं। कानूनी दृष्टिकोण से बाल अपराध 8 वर्ष से अधिक तथा 16 वर्ष से कम आयु के बालक द्वारा किया गया कानूनी विरोधी कार्य है जिसे कानूनी कार्यवाही के लिये बाल न्यायालय के समक्ष उपस्थित किया जाता है। भारत में बाल न्याय अधिनियम 1986 (संशोधित 2000) के अनुसर 16 वर्ष तक की आयु के लड़कों एवं 18 वर्ष तक की आयु की लड़कियों के अपराध करने पर बाल अपराधी की श्रेणी में सम्मिलित किया गया है। बाल अपराध की अधिकतम आयु सीमा अलग-अलग राज्यों मे अलग-अलग है। इस आधार पर किसी भी राज्य द्वारा निर्धारित आयु सीमा के अन्तर्गत बालक द्वारा किया गया कानूनी विरोधी कार्य बाल अपराध है।

केवल आयु ही बाल अपराध को निर्धारित नहीं करती वरन् इसमें अपराध की गंभीरता भी महत्वपूर्ण पक्ष है। 7 से 16 वर्ष का लड़का तथा 7 से 18 वर्ष की लड़की द्वारा कोई भी ऐसा अपराध न किया गया हो जिसके लिए राज्य मृत्यु दण्ड अथवा आजीवन कारावास देता है जैसे हत्या, देशद्रोह, घातक आक्रमण आदि तो वह बाल अपराधी मानी जायेगा।

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