Hindi, asked by kgurnoor1489, 1 year ago

यदि चंदामामा न होता तो इस विषय पर निबंध हिंदी में

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Answered by bhatiamona
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यदि चंदामामा न होता  पर निबंध

यदि चंदामामा ना होता, तो हमारा बचपन इतना सुहाना नहीं होता। हमने अपने बचपन में चंदा मामा की जो कहानियां अपनी दादी-नानी से सुनी थी वह हमें सुनने को नहीं मिलती। हम बचपन में जब अपनी जिद पर मचल उठते थे तब हमारी दादी या नानी या हमें चंदामामा की कहानियां सुना कर बहला-फुसलाया करती थीं। रात में नींद आने का एकमात्र सहारा चंदामामा और परीकथायें थीं।

अगर चंदा मामा ना होता तो हमें वह रोचक कहानियां कैसे सुनने को मिलतीं। तब हमारा बचपन बिल्कुल बोरिंग हो जाता। ज्यादातर परी कथाएं भी चंदा मामा से संबंधित रही हैं, तो चंदा मामा ना होता तो वह परी कथाएं भी नहीं होती और इन कहानियों के बिना हमारा बचपन कैसे गुजरता। चंदा मामा की कहानियां सुन सुनकर हमने आकाश को जाना,  अपनी पृथ्वी को जाना, तारों को जाना, अगर चंदा मामा ना होता तो हम अपनी पृथ्वी, आकाश, तारों आदि के कहानी कैसे सुनने। यदि चंदामामा ना होता तो हमें इन सब के कहानी-किस्से भी नहीं सुनने को मिलते। इस तरह हम बहुत सारी जानकारी से वंचित रह जाते। इसलिए चंदा मामा ना होता तो हमारा बचपन बोरिंग हो जाता।

यदि चंदा मामा न होता तो हमारी दादी-नानी को अपनी कहानी किस्सों को गढ़ने के लिये कोई दूसरा विकल्प तलाशना होता, तब हो सकता है, चंदा मामा जैसा कोई दूसरा स्वरूप हमारे सामने किस्से कहानियों के रूप में आता।

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