यदा-कदा मम मातामही, मातुली च मातुलेन सह आगच्छति । मातुल: कथां कथयति, अस्माकं मनोरञ्जन
च करोति । वयम् सर्वे परिवारेण सह सुखेन निवसामः ।
व्याकरण-क्रिया का मूल रूप धातु' कहलाता है। जैसे-पठति का 'पठ्' मूल धातु, लिखति का 'लिख'
मूल धातु आदि। धातु रूप ही शब्द के साथ मिलकर वाक्य बनाते हैं। जैसे-'बालक: गच्छति'। धातु
रूपों या क्रियापदों का काल 'लकार' कहलाता है। संस्कृत में वर्तमान काल को 'लट् लकार' कहते हैं। Translate into Hindi
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कभी-कभी मैं सास, ननद और सास होती हूं। मातुल: कथान कथयति, अस्माकं मानरंजन
च दोती। सुखेन निवासम उम्र सर्वेक्षण परिवार के साथ।
व्याकरण के मूल रूप को धातु कहा जाता है। उदाहरण के लिए, पठति का, पथ ’मूल धातु है, लीखती का of लिख’।
आधार धातु आदि। धातु रूप शब्दों के साथ मिलकर वाक्य बनाते हैं। जैसे- 'बाल: गच्छति'। धातु
रूपों या क्रियाओं के काल को 'लकार' कहा जाता है। संस्कृत में, वर्तमान काल को 'लातालकार' कहा जाता है।
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