यदि मैं अध्यापक होता तो
हिंदी निबंध
Answers
Answer:
विद्यालय में छात्रों को मार्ग दिखाने के लिए अध्यापक की आवश्यकता होती है। अध्यापक शिक्षा द्वारा छात्रों के भविष्य का निर्माण करता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि अध्यापक राष्ट्र का निर्माता होता है। इस दृष्टि से अध्यापक का कार्य सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण होता है।
मैं सोचता हूँ यदि मैं अध्यापक होता तो मैं विद्यार्थियों के लिए, स्कूल के लिए, देश के लिए क्या करता ? यदि मैं अध्यापक होता तो मेरी वही स्थिति होती जो मस्तिष्क की शरीर में, इंजन की रेलगाड़ी में, पंखे की वायुयान में होती है। मुझे अध्यापन कार्य तथा छात्रों का दिशा-बोध करना पड़ता। अध्यापन कार्य करना सरल नहीं है, इस स्थिति में मेरा कार्य भी काफी कठिन होता। अनेक कठिनाईयां, चुनौतियां हर कदम पर मेरे रास्ते में रूकावटें डालती हुई दिखाई देती परन्तु में दृढ़ निश्चय से अपने पांव आगे की ओर बढ़ाता जाता ।
यदि मैं अध्यापक होता तो सबसे पहले स्वयं अनुशासन में रहता ताकि मेरे विद्यार्थी मेरा अनुसरण करें । मैं कक्षा में सबसे पहले अनुशासन स्थापित करता क्योंकि अनुशासन राष्ट्र की नींव होती है। इसके लिए मैं एक निश्चित योजना बनाता । अनुशासन तभी टूटता है जब बच्चों की इच्छाओं की ओर ध्यान न दिया जाए । मैं कक्षा में बच्चों की रूचियों, प्रवृतियों, स्वभाव, आदतों की जानकारी लेता और उनकी रुचियों, प्रवृत्तियों के अनुसार कक्षा का पाठ-योजना बनाता और शिक्षण कार्य आरम्भ करता । इससे श्रेणी का सारा काम अनुशासन के अन्दर रह कर पूरा होता ।