यदि मोबाईल न होता तो निबंध 10वीसाठी
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यदि मोबाइल ना होता तो बहुत कुछ अच्छा होता और बहुत कुछ बुरा होता। आज मोबाइल ने जिस तेज़ी के साथ विकास किया है कि ये अकेला छोटे से आकार का यंत्र अपने-आप में समस्त संसार समेटे हुए है । आज हर कुछ हमारी हथेली में,हमारी उँगलियों के इशारे पर उपलब्ध हैयदि मोबाइल ना होता तो बहुत कुछ अच्छा होता और बहुत कुछ बुरा होता। आज मोबाइल ने जिस तेज़ी के साथ विकास किया है कि ये अकेला छोटे से आकार का यंत्र अपने-आप में समस्त संसार समेटे हुए है ।
आज हर कुछ हमारी हथेली में,हमारी उँगलियों के इशारे पर उपलब्ध है,पहले एक-दूसरे से बात करना कितना कठिन था,टेलीफोन बूथ में पंकिबद्ध रहकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करना और फिर बारी आने पर नंबर ना लगना और फिर भी पैसे देने पड़ जाते थे,किन्तु आज तो पूरे विश्व में बात करना इतना आसान और सस्ता है कि क्या कहना। कुछ भी जानकारी चाहिए आपके मोबाइल से हासिल कर लीजिये,खाना,कपड़ा,किराये की गाड़ी,रेल और हवाई टिकट के साथ-साथ डॉक्टर और दवा तक आप अपने मोबाइल की मदद से आपके सामने पा सकते हैं,आपको पैसे भेजने हों या कहीं से मंगवाने हों तो आप मोबाइल पर एक मिनट या उससे भी कम समय लगाकर इससुविधा का लाभ ले सकते हैं।
आज कहीं भी जाना हो तो रास्ता पूछने के लिए किसी इन्सान की तलाश करने की आवश्यकता ही नहीं,आप मोबाइल पर भरोसा करें वो आपको वर्तमान जगह से लेकर गंतव्य तक की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएगा,कहने का तात्पर्य यह कि आज हर बात का , हर सवाल और हर आवश्यकता का निराकरण बन चुका है ये मोबाइल। यदि मोबाइल ना होता तो ये सबकुछ कभी संभव नहीं होता ।
लेकिन इसका एक पक्ष ये भी है कि यदि मोबाइल ना होता तो टूटते और बिखरते,दूर होते रिश्ते भी नहीं होते। आज दूर रहने वालों से बात करने के लिए मोबाइल जैसी सस्ती और सहज सुविधा तो है मगर वो इच्छा ही कहीं मर चुकी है। हर किसी के हाथ में मोबाइल है,मोबाइल पर लोगों का हुजूम आपके साथ है लेकिन सच्चाई और यथार्थ यह है कि हर रिश्ता आज रिश्तों से कोसों दूर है। लोग एक दूसरे को मोबाइल के द्वारा सोशल साइट्स पर बहुत पसंद करते हैं,खूब पहचानते हैं मगर आमना-सामना हो जाए तो कोई किसी को पहचान ही नहीं पाता,बच्चे आज रिश्तेदारों के घर जाने या अपने चचेरे-फुफेरे-ममेरे-मौसेरे भाई-बहनों से मिलने जाने के बजाय मोबाइल के साथ समय बिताना अधिक पसंद करते हैं।
मोबाइल ना होता तो मानवीय रिश्ते आज मरणासन्न नहीं होते,लोग संवेदना से रिक्त ना होते,लोग इतने अधिक औपचारिक,स्वार्थी और भावना शून्य ना होते।मोबाइल ना होते तो मैदान और बागीचे,उद्यान बच्चों से खाली ना होते,घर में अकेलेपन से जूझते बुज़ुर्ग भी नहीं होते।मोबाइल ना होता तो इन्सान इतना कृत्रिम ना होता।
निबंध लेखन
Explanation:
इन दिनों मोबाइल फोन के बिना हमारे आसपास की दुनिया की कल्पना करना मुश्किल है। इसने हमारे जीवन को बहुत हद तक सुगम बना दिया है। मोबाइल फोन ने हमारे जीवन को आसान नहीं बनाया है, बल्कि हमें दूसरों को धोखा देने के मौके दिए हैं।
मोबाइल फोन की अनुपस्थिति में, डाक विभाग विभाग क्रांतिकारी विकास करने में सक्षम होता। लोग प्रेम और भक्ति के साथ अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को पत्र लिखते। चित्र संदेश भेजने के बजाय, लोग अपने निकट और प्रिय लोगों को ग्रीटिंग कार्ड पोस्ट करते। हालांकि, तत्काल हस्तांतरण संभव नहीं हो सकता और लोगों को महत्वपूर्ण संदेशों को व्यक्त करने के लिए लंबी यात्रा से गुजरना होता।
मेरे विचार से, वर्तमान युग में मोबाइल फोन के अभाव में हमारे युवाओं का स्वास्थ्य बेहतर होता। मेरा मतलब है कि हमारे युवा लुभावने एसएमएस पैकेजों के अभाव में पर्याप्त नींद ले पाते। उनकी उंगलियां हमेशा व्यस्त नहीं रहतीं। वे अपने दोस्तों और बड़ों से चौकस होकर बात कर सकते। अपनी परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों के अनुपात में इस समय बहुत सुधार होता। मेरा मतलब है कि नए युग के इस उपहार के द्वारा हमारी शिक्षा प्रणाली को बहुत लूटा गया है। मुझे अपने स्कूल जाने वाले लड़कों विशेषकर माध्यमिक कक्षाओं के छात्रों के लिए दया आती है जब वे अपना समय मोबाइल फोन पर व्यस्त रहते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि मुझे लगता है कि अगर मोबाइल फोन नहीं होते तो मानव जाति बहुत मुश्किल में होती। कैसे लोग काम से अपनी अनुपस्थिति के बारे में अपने वरिष्ठों को सूचित करेंगे। मोबाइल फोन ने सार्वजनिक कॉल ऑफिस (पीसीओ) व्यवसाय के तरीके को प्रतिबंधित कर दिया है। हमारे जीवन में सेल फोन आने से पहले यह एक आकर्षक पेशा था। यह देश में बढ़ती बेरोजगारी का एक तत्व साबित हुआ। हालांकि, सेल फोन ने पीसीओ की तुलना में व्यापक व्यवसाय स्थापित किया है।
सेल फोन की अनुपस्थिति में लोग अधिक परिष्कृत और अच्छे व्यवहार वाले होंगे। यदि कोई व्यक्ति ड्राइविंग कर रहा है या अपनी प्रार्थना कह रहा है तो कोई भी किसी को भी एक अजीब घंटे में नहीं बुला सकेगा। इसने हमें पहले से ज्यादा स्वार्थी बना दिया है। सेल फोन में कोई संदेह नहीं है, दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति आई है। यह नए युग के विकास और प्रगति का प्रमाण है। इसने वास्तव में मानव जाति के लिए एक आशीर्वाद साबित किया है, अपना समय बचाया, उसे कम समय में अधिक काम करने में सक्षम बनाया। हालांकि, यह भी सच है कि दुरुपयोग, या मुझे अत्यधिक उपयोग कहना चाहिए, किसी भी चीज का हमेशा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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