यदि मैं चिड़िया होता paragraph in 150 words
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यदि मैं पक्षी होता तो खुले आकाश में विचरण करता, भूमंडल में विचरण करता, इच्छानुसार भोजन करता और वृक्षों की शाखाएं मेरी शय्या होती। मेरा जीवन स्वतंत्र और स्वच्छंद होता। मानव देश-विदेश के भ्रमण के लिए तरसता है। पासपोर्ट बनवाने के लिए और वीजा के लिए रात-दिन एक कर देता हैं फिर भी वह भ्रमण का पूरा आनंद नहीं ले पाता है और न ही वह संसार की विविधता को पूरी तरह से देख पाता है। यदि मैं पक्षी होता तो मैं देशों की सीमाओं से न बंधा होता। बिना किसी पासपोर्ट और वीजा के ही मैं दुनिया घूमता।
होती सीमा हीन क्षितिज से, इन पंखों की होड़ा-होड़ी
या तो क्षितिज मिलन बन जाता, या तनती साँसों की डोरी।
यदि मानव पर कोई विपत्ति आ जाए तो आज उसके दुःख दर्द में कोई शामिल नहीं होता परन्तु यदि मैं पक्षी होता तो मेरी एक आवाज पर सैकड़ों पक्षी एकत्र होकर मेरे सुर में सुर मिलाकर इतना शोर मचा देते की मेरा दुःख-दर्द और मुसीबतें सब उड़न छू हो जातीं। यदि मैं पक्षी होता तो मनुष्य मेरे रंग-बिरंगे शरीर की आकृतियाँ अपने वस्त्रों पर बनाते मेरी मिट्टी, प्लास्टिक आदि की मूर्तियाँ बनाते और अपने घरों में सजाते। बच्चे मेरे जैसे दिखने वाले खिलौने से खेलते और मुझे बहुत ही ख़ुशी होती।
अगर मैं भी पक्षी होता तो मैं भी पेड़ों पर बैठकर चिल्लाता और अपने मधुर गान से हर किसी को मोहित कर देता।एक इंसान सिर्फ चल सकता है दौड़ सकता है लेकिन वह उड़ नहीं सकता क्योंकि भगवान ने उसे उड़ने के लिए पंख नहीं दिए हैं पक्षी उड़ कर कहीं भी आ जा सकते हैं अगर मैं पक्षी होता तो किसी भी अपने करीबी रिश्तेदार से आसानी से मिल सकता था।
Answer:
अगर मैं पक्षी होता तो सभी पक्षियों की तरह आसमान में उड़कर ऊँचाइयों को छु सकता था | वहा पहुँचने के लिए बहुत सारे लोग सपना देखते हैं | आसमान में उड़कर पुरे वातावरण का आनंद लेता |
उसके साथ – साथ मैं ठंडी हवा का आनंद लेता | पक्षी हवा में उड़कर एक जगह से दूसरी जगह पर जाने के लिए बहुत तेज गति से उड़ते हैं |
लेकिन मनुष्य को चलकर जाने के लिए काफी समय लगता हैं | अगर मैं पक्षी होता तो अपने रिश्तेदारों से मिलने आसानी से चले जाता | किसी एक स्थान से दुसरे स्थान पर बहुत आसानी से पहुँच सकता था |
पक्षी ज्यादातर तो पहाड़ की चोटी पर और पेड़ों की डालियों पर बैठते हैं और अपन एमधुर स्वर में धुन गाते हैं | जिसकी वजह से मनुष्य को मन प्रसन्न और आनंद हो जाता हैं |
उसी तरह से अगर मैं पक्षी होता तो पेड़ों पर बैठकर चिल्लाता और अपने मधुर स्वर से लोगों को मन मोहित कर देता |
एक मनुष्य सिर्फ चल सकता हैं, दौड़ सकता हैं लेकिन उड़ नहीं सकता हैं | भगवान ने मनुष्य को उड़ने के लिए पर नहीं दिए हैं |
पक्षी उड़कर कही भी जा सकते हैं | अगर मैं पक्षी होता तो एक जगह से दूसरी जगह पर उड़ सकता था |
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